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    उज्ज्वला योजना का चौंकाने वाला सच, चंडीगढ़ में 4 साल में सिर्फ 10 नए कनेक्शन; हजारों परिवार अंधेरे में

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 10:56 AM (IST)

    चंडीगढ़ में उज्ज्वला योजना की प्रगति धीमी है। चार वर्षों में केवल 10 नए कनेक्शन जुड़े हैं, जबकि हजारों परिवार सिलेंडर रिफिल नहीं करा पाए। वर्ष 2021 मे ...और पढ़ें

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    केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना की चंडीगढ़ में धीमी आंच, चार साल में महज 10 नए कनेक्शन (फोटो: जागरण)

    मोहित पांडेय, चंडीगढ़। गरीब परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में जहां देशभर में करोड़ों परिवारों को रसोई गैस से जोड़ा गया।

    वहीं, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की स्थिति बेहद निराशाजनक है। वर्ष 2021 में चंडीगढ़ में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 2,025 थी, जो 2025 तक बढ़कर मात्र 2,035 हो सकी।

    यानी चार वर्षों में केवल 10 नए कनेक्शन ही जुड़ पाए। इस बात की जानकारी लोकसभा में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है।

    रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ कनेक्शन ही नहीं, बल्कि गैस के वास्तविक उपयोग के मामले में भी स्थिति गंभीर है। 2024-25 के आंकड़ों के मुताबिक चंडीगढ़ में 9,409 उज्ज्वला लाभार्थियों ने एक बार भी सिलेंडर रीफिल नहीं कराया, जबकि 8,141 लाभार्थियों ने केवल एक ही बार गैस भरवाई।

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    शहर में केंद्र सरकार की चलाई जा रही योजना स्थिति से स्पष्ट है कि योजना की प्रभावी मानिटरिंग नहीं हुई और न ही नए पात्र परिवारों को जोड़ने के लिए ठोस प्रयास किए गए।

    सबसे चिंताजनक यह कि जो परिवार योजना से जुड़े भी, वे गैस का उपयोग जारी नहीं रख पाए। 2024-25 में 9,409 लाभार्थियों ने एक भी रीफिल नहीं कराया, जबकि 8,141 ने केवल एक बार सिलेंडर भरवाया।

    इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गैस कनेक्शन लेने के बाद भी परिवार या तो आर्थिक कारणों से पीछे हट गए या फिर पुराने ईंधन पर लौट आए।

    लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना में उत्तर प्रदेश 1.85 करोड़ से अधिक, पश्चिम बंगाल 1.23 करोड़, बिहार 1.16 करोड़ और राजस्थान 73 लाख से अधिक कनेक्शनों के साथ शीर्ष स्थान पर है।

    वहीं, चंडीगढ़ में इस योजना का लाभ लेने वालों की संख्या हजारों की संख्या नहीं छू पाने में नाकाम रही। चंडीगढ़ के बाद .योजना का लाभ लेने में लक्षद्वीप, गोवा और दमन व दीप की सबसे खराब स्थिति है।

    विशेषज्ञों के अनुसार योजना के लागू होने के बाद चंडीगढ़ में स्थित धनास, डड्डूमाजरा, दरिया सहित कई गांवों में सर्वे के बावजूद भी सैकड़ों बीपीएल परिवारों को योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन नहीं मिल पाया है।

    जिन्हें मिला भी है, उनकी गैस खत्म होने के बाद इतना पैसा नहीं है कि दोबारा गैस की रिफीलिंग करा सकें। मजबूरन इन परिवारों को खाना बनाने के लिए अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है।