'भाजपा हमेशा जजपा और इनेलो को आगे कर कांग्रेस से लड़ती रही', हुड्डा बोले- आमने-सामने की लड़ाई का BJP में नहीं है दम
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनेलो और जजपा को भाजपा की प्रोक्सी पार्टियाँ बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस से सीधे नहीं जीत सकती इसलिए इन दलों का इस्तेमाल करती है। हुड्डा ने गरीबों के राशन कार्ड काटने और बाढ़ से बचाव में सरकार की विफलता पर भी सवाल उठाए।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी पर जमकर राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा कि इनेलो और जजपा दोनों भाजपा की प्रोक्सी (प्रतिनिधि) पार्टियां हैं।
हरियाणा में भाजपा कभी कांग्रेस के साथ आमने-सामने की लड़ाई नहीं जीत सकती। इसलिए वह कभी इनेलो को आगे कर देती है तो कभी जजपा को आगे कर देती है। हुड्डा ने कहा कि पिछली बार भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर कांग्रेस के साथ छदम युद्ध किया था और इस बार इनेलो से मिलकर कांग्रेस को हराने का काम किया।
चंडीगढ़ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के विरुद्ध इनेलो व जजपा का इस्तेमाल करने के अलावा भाजपा ने चुनाव में गरीब लोगों की भावनाओं से खेलने का काम किया। चुनाव से पहले लाखों बीपीएल राशनकार्ड बनाए गए, ताकि उनके वोट लिए जा सकें और चुनाव जीतने के बाद अब इन लाखों राशनकार्डों को काटा जा रहा है। अगर यह राशनकार्ड गलत हैं तो फिर इन्हें बनाया ही क्यों गया था।
उन्होंने भाजपा के साथ इनेलो व जजपा की मिलीभगत का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बार सिरसा में भाजपा ने इनेलो गठबंधन के उम्मीदवार गोपाल कांडा को जितवाने के लिए अपने उम्मीदवार का पर्चा ही उठवा लिया था। कांडा स्वयं कैमरे पर इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि चुनाव में इनेलो व भाजपा का गठबंधन था। भूपेंद्र हुड्डा ने रानियां, नरवाना, ऐलनाबाद और डबवाली विधानसभा सीटों का नाम लेकर कहा कि इनेलो ने भाजपा की और भाजपा ने इनेलो की खुलकर मदद की। इन दलों की असलियत जनता अच्छी तरह समझने लगी है, इसलिए उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं देती।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राहुल गांधी से वोट चोरी के आरोपों पर हलफिया बयान मांगता है, लेकिन मेरी मांग है कि चुनाव आयोग यह हलफिया बयान दे कि राज्य में कोई वोट चोरी नहीं हुआ और न ही आगे होगा। चुनाव से पहले ताबड़तोड़ बीपीएल कार्ड बनाकर इनकी संख्या 52 लाख तक पहुंचा दी गई। हरियाणा की 80 प्रतिशत आबादी को बीपीएल घोषित कर दिया, मगर चुनाव जीतने के बाद अब तक 11 लाख राशन कार्ड काटे जा चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बाढ़ से बचाव के इंतजामों में फेल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बाढ़ राहत नियंत्रण बोर्ड की बैठक ही नहीं बुलाई। राज्य के 11 शहर तालाब बन गए। करीब छह हजार गांवों में 30 लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई। सरकार सात से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की बात कर रही है, लेकिन लागत ही 60 हजार रुपये प्रति एकड़ तक आ रही है। खेत अगली फसल के लिए अभी तक तैयार नहीं हैं।
उन्होंने राज्य में 20 सितंबर से हर हाल में धान की सरकारी खरीद आरंभ करने की मांग करते हुए कहा कि अमरूत योजना में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच जरूरी है, क्योंकि बाढ़ राहत और सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है। बाक्स बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हुड्डा ने दिया एक माह का वेतन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की।
साथ ही उन्होंने बाकी कांग्रेस विधायकों से भी एक-एक माह का वेतन देने का आह्वान किया है। उन्होंने गन्ने का रेट कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल करने, धान पर मार्केट फीस को एक प्रतिशत किए जाने, हरियाणा को बाढ़ग्रस्त राज्य घोषित करने, जनता को पोर्टल और गिरदावरी की लंबी प्रक्रिया में उलझाने की बजाय तुरंत मुआवजा प्रदान करने की मांग की।
हुड्डा ने कहा कि चार प्रतिशत मार्केट फीस के चलते हरियाणा की चावल मिलें दूसरे राज्यों में पलायन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की एक भी यूनिवर्सिटी देश की टाप 100 सूची में जगह नहीं बना पाई हैं, जिसका मतलब है कि उच्च शिक्षा का स्तर भाजपा के राज में लगातार गिरता जा रहा है।
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