लोकसभा चुनाव की खटास अब तक नहीं हुई कम, कांग्रेस में अब भी दो धड़े, बंसल बनाम लक्की
चंडीगढ़ कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के बाद भी गुटबाजी जारी है। पवन बंसल और एचएस लक्की गुटों ने अलग-अलग कैंडल मार्च निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने बंसल के प्रदर्शन को आधिकारिक नहीं बताया और कहा कि इसमें शामिल कई लोग निष्कासित हैं जो अब पार्टी के बढ़ते आधार को देखकर वापस आ रहे हैं। अगले निगम चुनाव से पहले इस कलह ने हलचल मचा दी है।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने टिकट नहीं मिलने पर दूरी बना ली थी। उसके बाद अब वह राजनीति में दोबारा सक्रिय हुए हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव की खटास अब भी कम नहीं हुई है। कांग्रेस में अभी भी दो धड़े काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग और भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में यह खुलकर सामने आ गई।
इस विरोध प्रदर्शन के तहत रविवार को पवन बंसल की अगुवाई में उनके गुट ने दड़वा में कैंडल मार्च निकाला तो अगले ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की की अध्यक्षता में कांग्रेस नेताओं ने बुड़ैल में कैंडल मार्च निकाला। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बयान जारी कर यह कहा कि दड़वा में रविवार को जो प्रदर्शन कार्यक्रम हुआ था वह कांग्रेस का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं था। जिन्होंने यह कार्यक्रम किया उनमें से अधिकतर कांग्रेस से निष्कासित किए हुए हैं।
ऐसे लोगों की कांग्रेस में कोई जगह नहीं है।इससे स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस में अब भी सब ठीक नहीं चल रहा है। दोनों कैंडल मार्च से ऐसा प्रतीत हुआ जैसे दोनों धड़ों ने इस प्रदर्शन के बहाने अपना शक्ति प्रदर्शन किया हो। इन दोनों प्रदर्शनों के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई।
नगर निगम चुनाव से पहले बढ़ी हलचल
अगले वर्ष नगर निगम चुनाव होने हैं उससे पहले वरिष्ठ नेता पवन बंसल की सक्रियता ने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है। पवन बंसल गुट के इस शक्ति प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में राजनीतिक हलचल इस कदर बढ़ी की प्रवक्ता को बयान जारी कर यह कहना पड़ा कि यह आधिकारिक प्रदर्शन नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता कृष्ण लाल ने कहा कि पवन बंसल सहित प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने लोकसभा प्रत्याशी मनीष तिवारी का खुलकर विरोध किया था। अब पार्टी के बढ़ते आधार को देखते हुए यह कांग्रेस का झंडा उठाए घूम रहे हैं। अध्यक्ष एचएस लक्की के संघर्ष और सांसद मनीष तिवारी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस से निकाले हुए यह लोग अब चुनाव लड़ना चाहते हैं।
टिकट के बाद बढ़ा गतिरोध
लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल को टिकट मिलने की चल रही थी। इस बीच सांसद मनीष तिवारी का नाम घोषित होते ही कांग्रेस में त्यागपत्रों का दौर शुरू हुआ। पवन बंसल किसी रैली और प्रचार कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। भीतरघात करने वाले बहुत से नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। तब से अब तक यह गतिराेध जारी है।
रिपोर्ट बलवान करिवाल
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