पंजाब में क्यों हो रही हिंदू नेताओं की हत्या? अधिकतर मामलों में आतंकी कनेक्शन आया सामने, टारगेट किलिंग की Inside Story
पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्याएं एक गंभीर साजिश का हिस्सा हैं, जिसमें पिछले दस वर्षों में कई नेता टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं। इन हमलों का मकसद सांप्रदायिक तनाव फैलाना है। कई मामलों में आतंकी कनेक्शन और विदेशी हैंडलर्स का हाथ सामने आया है। पुलिस का कहना है कि वह हिंदू नेताओं को सुरक्षा दे रही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह उपाय टारगेट किलिंग को रोकने के लिए पर्याप्त हैं?

पंजाब में हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग की Inside Story
रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या जघन्य अपराध नहीं, बल्कि यह टारगेट किलिंग का योजनाबद्ध पैटर्न है। पिछले दस वर्षों में करीब सात से ज्यादा हिंदू नेता टारगेट किलिंग के शिकार हुए हैं।
घटनाओं की टाइमलाइन व शनिवार को फिरोजपुर में हुई आरएसएस नेता बलदेव अरोड़ा के बेटे नवीन अरोड़ा की हत्या से स्पष्ट है कि रेकी के बाद नजदीक से गोली मारी जाती है और शूटर बेखौफ फरार हो जाते हैं।
नवीन की हत्या करने के आरोपित भी पैदल आए और सरेबाजार नजदीक से गोली मार फरार हुए। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इन हमलों का मकसद सिर्फ व्यक्तियों की हत्या नहीं बल्कि यह साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर पंजाब की शांति को अस्थिर करने का षड्यंत्र है।
जगदीश गगनेजा हत्याकांड, इस पैटर्न की शुरुआत
कई हाई-प्रोफाइल मामलों में आतंकी कनेक्शन व विदेशी हैंडलर का हाथ सामने आया। यही वजह है कि ज्यादातर मामलों में मुख्य आरोपित हाथ नहीं आ रहे और वर्षों बाद केस अंडर ट्रायल हैं। 2016 में जालंधर में हुआ आरएसएस नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा हत्याकांड इस पैटर्न की शुरुआत का बड़ा संकेत था।
इसके बाद लगातार ऐसी घटनाएं बढ़ती चली गईं। अमित शर्मा रविंदर गोसाई जैसे आरएसएस और शिवसेना नेता टारगेट किलिंग के शिकार हुए। दोनों हत्याकांड की एनआइए जांच में गैंग्स्टर-आतंकी गठजोड़ की थ्योरी मजबूत हुई।
इन पर पंजाब के गैंगस्टरों को विदेशों से टारगेट देकर हमला कराया गया। वर्ष 2022 में अमृतसर में सुधीर सूरी की हत्या तो मंदिर के सामने चल रहे प्रदर्शन के दौरान कैमरों के सामने पुलिस की मौजूदगी में हुई। इस घटना से हिंदू संगठनों में तीखी नाराजगी पैदा की।
पठानकोट में संजय गुप्ता पर फायरिंग और जानलेवा हमला
2023 और 2024 में व्यापारिक संगठनों और मंदिर कमेटियों से जुड़े हिंदू चेहरों को भी निशाना बनाया गया। जालंधर में दिवेश गुप्ता, लुधियाना में संदीप अरोड़ा, फाजिल्का के रवि मेहता, पटियाला के राजेश गुप्ता, और पठानकोट में संजय गुप्ता पर फायरिंग और जानलेवा हमला कर दशहत फैलाने की कोशिश की गई।
कई मामलों सिख फार जस्टिस (एसएफजे) और कनाडा आधारित गैंग्स्टर-आतंकी माड्यूल का नाम जांच में सामने आया। पुलिस का दावा है कि हथियारों की सप्लाई और फंडिंग में पाकिस्तान और विदेश बैठे हैंडलरों की भूमिका बढ़ती जा रही है।
विदेशी कनेक्शन जुड़ने के के कारण कई मामले अभी भी अंडर ट्रायल हैं। उधर, हिंदू संगठनों के नेताओं का कहना है कि आज भी हिंदू नेता सुरक्षा में कमी महसूस कर रहे हैं। हालांकि पंजाब पुलिस का कहना है कि खास हिंदू नेताओं को रिव्यू के तहत सुरक्षा दी जा रही है।
इंटरनेट मीडिया पर मिलने वाली धमकियों पर तुरंत मामले दर्ज हो रहे है। लेकिन सवाल अभी भी बड़ा है। क्या यह उपाय टारगेट किलिंग के पैटर्न को रोक पाने के लिए काफी हैं।
हिंदू नेतओं की हत्या और उनकी वर्तमान स्थिति मामला
- छह अगस्त 2016: जालंधर में आरएसएस नेता ब्रिग्रेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या; एनआइए जांच जारी, मास्टरमाइंड विदेश
- 23 अप्रैल, 2016: लुधियाना के खन्ना में शिवसेना नेता दुर्गा प्रसाद गुप्ता की हत्या, आरोपित गिरफ्तार, जांच जारी
- 14 जनवरी, 2017: लुधियाना में हिंदू तख्त के जिला प्रचारक अमित शर्मा की हत्या, कई संदिग्ध गिरफ्तार, जांच जारी
- 17 अक्तूबर 2017: लुधियाना में आरएसएस नेता रविंदर गोसाईं की गोलियां मार कर हत्या, मॉड्यल पकड़ा, विदेश से जुड़ी कड़ियां
- 30 अक्टूबर 2017: अमृतसर में हिंदू संघर्ष सेना के जिला प्रधान विपिन शर्मा की हत्या: मॉड्यूल पकड़ा जांच जारी
- 4 नवंबर 2022: अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की गोली मार हत्या, खालिस्तान आतंकी कनेक्शन, शूटर गिरफ्तार, एनआइए कर रही जांच
- 13 अप्रैल 2024 : रूपनगर के नंगल में विहिप नेता विकास प्रभाकर की हत्या, एनआइए कर रही जांच, आइएसआइ व आतंकी संगठनों का हाथ

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