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    मोटापा खतरनाक, यह एक जटिल बीमारी : डॉ. अमित सूद

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 31 Mar 2022 06:59 PM (IST)

    बैरिएट्रिक एंड मेटोबोलिक सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉ. अमित सूद ने वीरवार को सेक्टर-10 के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में मोटापे की वजह से लोगों में बढ़ रहे डायबीटिज हाईपरटेंशन और हार्ट की समस्याओं से लोगों को अवगत कराया।

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    मोटापा खतरनाक, यह एक जटिल बीमारी : डॉ. अमित सूद

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

    बैरिएट्रिक एंड मेटोबोलिक सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉ. अमित सूद ने वीरवार को सेक्टर-10 के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में मोटापे की वजह से लोगों में बढ़ रहे डायबीटिज, हाईपरटेंशन और हार्ट की समस्याओं से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मोटापा लोगों के जीवन पर प्रभाव डाल रहा है। उन्होंने बताया कि मोटापा एक जटिल बीमारी है। इसे हलके में नहीं लेना चाहिए। मोटापा व टाइप-2 डायबिटीज पूरे विश्व में लगातार बढ़ रही है। विश्व में मोटापा सबसे ज्यादा होने वाली मेटाबॉलिक बीमारी के रूप में उभर कर सामने आया है। इस बीमारी के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे से ग्रस्त है। बता दें कि डा. सूद कॉस्मिक सर्जिकल सेंटर्स के निदेशक हैं और जल्द ही पंचकूला के सेक्टर-17 में ओपीडी शुरू करने जा रहे हैं। मोटापा बीएमआइ 25 से ज्यादा खतरा

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    मोटे लोगों में कई तरह की बीमारियों का रिस्क रहता है। इसमें टाइप-2 डायबिटीक मेलिटस, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, हाईपरटेंशन, डिसलिपिडीमिया, रेस्पिरेट्री डिसीसेज व अवसाद जैसी बीमारियां शामिल हैं। उन लोगों में डायबिटीज का खतरा ज्यादा हो जाता है, जिनका बीएमआई 25 से ज्यादा होता है। इनका बीएमआई 23 से ज्यादा है, उनमें टाइप टू डायबिटीज होने का ज्यादा खतरा होता है। 40 से ज्यादा बीएमआई व 35 से ज्यादा बीएमआई वाले कोमोरबिड मरीजों के लिए सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है। नई आईआरडीएआई रेगुलेशन के अनुसार बीमा कंपनियों को भी इसके इलाज का खर्चा देने के लिए बाध्य कर दिया गया है। सभी कंपनियों को यह नियम अक्टूबर 2020 से मानना जरूरी कर दिया गया है। टाइप-2 डायबीटिज में बेरिएट्रिक सर्जरी सफल

    टाइप-2 डायबिटीज के सफल समाधान के रूप में बेरिएट्रिक सर्जरी की शुरुआत हुए करीब दस साल से अधिक समय हो गया है और यह भी स्पष्ट रूप से देखने में आया है सर्जरी के बाद कि मधुमेह से संबंधित रुग्णता और मृत्यु दर में इससे काफी गिरावट आई है और लंबे समय तक इन मरीजों में मधुमेह के नियंत्रण में भी सुधार आया है। डा. अमित सूद के अनुसार प्रदेश में मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण आरामदायक सामाजिक जीवन शैली है, जिसमें बाहर खाने पर जोर दिया जाता है। मोटापे के इलाज के लिए अब बीमा कवर की भी हो चुकी है शुरुआत

    केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए मरीजों को इलाज के खर्च की भरपाई नवंबर 2013 से कर रही हैं। आईआरडीए ने भी यह स्पष्टीकरण जारी किए है कि सभी सरकारी व निजी बीमा कंपनियां वेट लॉस सर्जरी को भी अपनी बीमा पॉलिसी में शामिल करेंगी।

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