निलंबित डीआईजी भुल्लर ने गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में दी चुनौती, सीबीआई के अधिकार क्षेत्र पर उठाए सवाल
पंजाब पुलिस के निलंबित डीआइजी हरचरण सिंह भुल्लर ने अपनी गिरफ्तारी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने सीबीआइ की कार्रवाई को गैर-कानूनी बताते हुए अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए हैं। भुल्लर का कहना है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की, जो कि गलत है।
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निलंबित डीआईजी भुल्लर ने गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में दी चुनौती। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के निलंबित डीआइजी हरचरण सिंह भुल्लर अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। भुल्लर ने याचिका दायर कर सीबीआइ द्वारा की गई कार्रवाई को गैर-कानूनी बताया है और जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
याचिका में उन्होंने कहा कि वह पंजाब में तैनात अधिकारी हैं, ऐसे में दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 1946 की धारा 6 के तहत सीबीआइ को पंजाब सरकार से अनुमति लेनी अनिवार्य थी। भुल्लर की दलील है कि बिना राज्य की सहमति उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती थी और न ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था।
भुल्लर ने यह भी दावा किया कि जिस 2023 के मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई, वह पंजाब के सरहिंद थाने से जुड़ा है, इसलिए सीबीआइ चंडीगढ़ को इस मामले में एफआइआर दर्ज करने का अधिकार नहीं था। उनका कहना है कि जो सामान चंडीगढ़ से बरामद बताया गया, वह उनके कब्जे से नहीं मिला।
यही नहीं इस कथित मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो पहले ही एफआइआर दर्ज कर चुका था। भुल्लर के अनुसार, एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती। दोनों मामलों में केवल आधे घंटे का अंतर है।
रिश्वत मामले से शुरू हुई कार्रवाई
सीबीआइ ने 16 अक्टूबर 2025 को भुल्लर को 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में छापेमारी के दौरान उनकी कोठी से करोड़ों रुपये की नकदी, सोना और कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद होने का दावा किया गया था।
पंजाब सरकार ने 19 अक्टूबर को उन्हें निलंबित भी कर दिया था। इसके बाद 29 अक्टूबर 2025 को सीबीआइ ने उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दूसरी एफआइआर भी दर्ज कर दी। इसी बीच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो भी उनके खिलाफ एक केस पहले ही दर्ज कर चुका था।
नवंबर में अदालत ने उन्हें सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया था और मामला अभी जांच के अधीन है। हाईकोर्ट अब भुल्लर की याचिका पर आगे सुनवाई करेगा।

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