'सिखों के हत्यारों को...', सुखबीर बादल ने राहुल गांधी पर बोला हमला; कहा- बातों से मूर्ख नहीं बना सकते
सुखबीर सिंह बादल ने राहुल गांधी के सिख समुदाय पर दिए गए बयानों की आलोचना की। उन्होंने राहुल से पूछा कि 1984 के सिख नरसंहार के दोषियों को कांग्रेस में क्यों बचाया जा रहा है। बादल ने कहा कि राहुल गांधी को सिखों को मूर्ख बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और पहले सज्जन कुमार कमलनाथ और जगदीश टाइटलर जैसे लोगों को पार्टी से निकालना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। राहुल की ओर से बहादुर और देशभक्त सिख समुदाय के खिलाफ किए गए पापों के बारे में ‘पाखंडी, झूठे और निरर्थक शब्दों ’ पर सवाल उठाए। सिखों के प्रति उनकी पार्टी और उनके पूर्वजों की ‘आपराधिक नफरत ’ के बारे में पूछे गए सवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए बादल ने कहा कि कांग्रेसी नेता के कथित शब्द सिख भावनाओं के प्रति उनके असंवेदनशील आचरण को दर्शाते हैं।
'सिखों के कत्लेआम के लिए कौन जिम्मेदार?'
अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि राहुल को पहले उन बुनियादी सवालों का जवाब देना चाहिए, जो हर सिख पूछता है। उन्होने कहा कांग्रेसी नेता अभी भी न केवल हजारों निर्दोष सिखों के हत्यारों को बचाने बल्कि उन्हे पार्टी में अहम पदों से पुरस्कृत करना क्यों जारी रखे हुए हैं? उन्होने पूछा कि क्या वास्तव में उन्हे पता नही कि 1984 में हमारे समुदाय के कत्लेआम के लिए कौन जिम्मेदार है?
राहुल का जिक्र कर और क्या बोले बादल?
राहुल के इस दावे का जिक्र करते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि जब उनकी पार्टी और उनके पूर्वजों ने सिखों के खिलाफ इन अपराधों को अंजाम दिया तो वह नाबालिग थे। उन्होने कहा कि यह सच है कि वह उस समय नाबालिग थे। लेकिन अब वे 55 साल के हो चुके हैं। वे पिछले 37 सालों या उससे भी अधिक समय से वयस्क हैं और इन सभी सालों में वे चुप रहे।
उन्होंने कहा कि सिखों के खिलाफ अपने पूर्वजों और उनके सहयोगियों के पापों के बारे में बात शुरू करने में उन्हे 35 साल क्यों लग गए? अब वे दोषियों का नाम लेने का नैतिक साहस दिखाएं बिना सिखों से माफी का एक भी शब्द कहें बिना कैसे बात करते हैं और क्यों?
सिखों को मुर्ख नहीं बना सकते हैं राहुल- सुखबीर
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि राहुल को पहले सज्जन कुमार, कमल नाथ और जगदीश टाइटलर जैसे लोगों को अपनी पार्टी से बाहर निकालना चाहिए । उन्होने कहा कि इस समय भी 1984 के ये दोषी लोग अभी भी उनके इर्द-गिर्द सत्ता और सम्मान का आनंद उठा रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि उनके शब्द कितने खोखले हैं। सरदार बादल ने कहा कि वे अपने मगरमच्छी आंसूओं यां अपने खोखले शब्दों, राजनीतिक नौटंकी और खोखले दिखावे से सिखों को मुर्ख नहीं बना सकते।
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