Sudhir Suri Murder: पुलिस को पता था पंजाब में हिंदू नेता निशाने पर, मोहाली में 13 दिन पहले दर्ज हुई थी FIR
Sudhir Suri Murder अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या को लेकर पंजाब पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पुलिस को पंजाब में हिंदू नेता की हत्या के ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब के अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या को लेकर पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पंजाब में हिंदू नेता कि हत्या होने वाली है इसकी सूचना पुलिस को पहले से थी। अलर्ट के बावजूद सुरक्षा में चूक हुई और सुधीर सूरी को अपनी जान गंवानी पड़ी।
सुधीर सूरी को पहले से ही खालिस्तानी जत्थेबंदियों से जुड़े समर्थकों की धमकियां आ रही थी। इन धमकियों से पुलिस आगाह थी, इसलिए पुलिस ने स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) थाने में राजनीतिक नेताओं व हिंदू नेताओं को टारगेट करवाने वाले विदेश में बैठे आतंकियों के खिलाफ 28 अक्टूबर को मामला दर्ज कर लिया था।
इस मामले में 10 लोगों को नामजद किया गया था, जबकि एक अज्ञात था। पुलिस के पास उन लोगों के नाम मौजूद थे जो पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या करवाने वाले थे। बावजूद पुलिस ने इस बात को हल्के में लिया और सरे बाजार एक हिंदू नेता की गोलियां मार हत्या कर दी गई।
पाकिस्तान व कनाडा में बैठे आतंकियों से संबंध
पुलिस सूत्रों के अनुसार एफआइआर में जिन लोगों को नामजद किया गया था, उनका संबंध पाकिस्तान व कनाडा में बैठे आतंकियों हरविंदर सिंह रिंदा और लखबीर सिंह लंडा से है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्याओं का जिम्मा उक्त लोगों को सौंपा हुआ है। पुख्ता जानकारी होने के बावजूद पुलिस शिवसेना टकसाली नेता सुधीर सूरी को बचा नहीं पाई। यहां तक कि पाकिस्तान से भेजे जाने वाले हथियार राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंचाने में भी इनकी भूमिका सामने आई है। यह आरोपित कई मामलों में वांछित हैं।
विदेश में बैठे आतंकी करवा रहे हथियार मुहैया
एफआइआर के अनुसार विदेश में बैठे आतंकी पंजाब में गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंदू उर्फ पिंदा, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी, दीपक कुमार व पंजाब के अन्य राज्यों में कई अज्ञात साथियों को गैर कानूनी तरीके से हथियार सप्लाई करवा रहे थे। उन्हें विदेश से फंडिंग हो रही थी। विदेश में बैठे आतंकी पंजाब में जिन लोगों से वारदात करवा रहे हैं उन भगोड़ों को उक्त पिंदा, गोपी व दीपक अलग-अलग जगह ठहराने का इंतजाम करवाते थे। यह लोग पंजाब में तनावपूर्ण स्थिति पैदा करने की नीयत के साथ पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ के निर्देश पर पंजाब में अलग-अलग सामाजिक व धार्मिक जत्थेबंदियों के नेताओं को टारगेट कर रहे थे, ताकि पंजाब में दंगे फसाद व अमन शांति को भंग किया जा सके।
एफआइआर में इनके नाम दर्ज
मोहाली के स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल थाने में कोमलप्रीत सिंह की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। इस मामले में तरसेम सिंह निवासी हरिके तरनतारन (इस समय दुबई), जगरूप सिंह उर्फ रूप निवासी लोधीपुर (इस समय यूएसए), अमृतपाल सिंह उर्फ एमी निवासी चांद निवास बाघापुराना (मोगा) (इस समय फिलीपींस), मनप्रीत सिंह उर्फ पीता निवासी बुईया वाला जीरा फिरोजपुर (इस समय फिलीपींस), हरजोत सिंह निवासी जंड वाला मीरा खुशी खेड़ा फाजिल्का (इस समय यूएसए), हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी निवासी दखली तलवंडी निपाला मक्खू फिरोजपुर (इस समय इटली), अमनदीप सिंह उर्फ अमन खालिस्तानी निवासी अमृतसर (इस समय मलेशिया), गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंदू निवासी भूरा कोहना खेम कलां (तरनतारन), गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी निवासी भूरा कोहना खेम कलां (तरनतारन), दीपक कुमार निवासी सुरखपुर झज्जर व एक अज्ञात व्यक्ति को नामजद किया गया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) ने आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 153, 153ए, 212, 216, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में अभी तक एसएसओसी किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

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