कारगिल युद्ध के हीरो शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की गाथा सिलेबस में पढ़ेंगे स्टूडेंट्स, चंडीगढ़ डीएवी के छात्र थे बत्रा
कारगिल युद्ध के हीरो शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरता के किस्से अब स्कूली छात्र किताबों में पढ़ेंगे। विक्रम बत्रा डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 चंडीगढ़ के स्टूडेंट थे। ऐसे में अब कॉलेज की तरफ से कैप्टन बत्रा की शौर्य गाथा को स्कूल-कॉलेज सिलेबस में शामिल करने का फैसला लिया गया है।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। कारगिल युद्ध (Kargil War) के हीरो परमवीर चक्र शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा (Paramvir Chakra Martyr Captain Vikram Batra) की शौर्य गाथा से अब स्कूलों में स्टूडेंट्स भी रूबरू हो सकेंगे। कारगिल युद्ध के दौरान उनकी बहादुरी के किस्से स्कूल सिलेबस में भी शामिल करने की तैयारी की जा रही है।
डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 और डीएवी मैनेजमेंट कमेटी कैप्टन बत्रा की शौर्य गाथा को स्कूल-कॉलेज सिलेबस में शामिल करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को प्रपोजल बनाकर भेजेगा। यह फैसला शुक्रवार को हुई डीएवी मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में लिया गया। डीएवी मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष पद्मश्री पूनम सूरी शहर में मौजूद शैक्षणिक संस्थानों के दौरे पर थे। बैठक में कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय सिलेबस में शामिल करने का प्रपोजल प्रिंसिपल डॉ. पवन शर्मा की ओर से रखा गया।
कौन थे शहीद विक्रम बत्रा
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा 1999 में हुए कारगिल युद्ध में वीरता और शौर्य का प्रदर्शन करते हुए 7 जुलाई 1999 को वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके शौर्य और वीरता के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। कैप्टन विक्रम बत्रा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के पालमपुर के रहने वाले थे।
शौर्य और वीरता प्रदर्शन के लिए बन रही है फिल्म शेरशाह
कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरता से आम लोगों को रू-ब-रू कराने के लिए धर्मा प्रोड्क्शन अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेत्री कायरा आडवानी के साथ फिल्म शेरशाह का निर्माण कर रहे हैं। वहीं करण जौहर फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। अभिनेता सिद्धार्थ मल्हौत्रा कैप्टन विक्रम की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि कायरा आडवानी उनकी मंगेतर डिंपल चीमा की भूमिका में नजर आएंगी।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड से भी हो चुकी है सिलेबस में शामिल करने की मांग
कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन को सिलेबस में शामिल करने की मांग उनके पिता गिरधाली लाल हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड से भी कर चुके हैं। पिता गिरधारी लाल के अनुसार देश के बच्चे विक्रम से प्ररेणा ले सकते हैं क्योंकि वह मस्ती करते हुए भी हमेशा कुछ बेहतर करने की कोशिश करते थे और सीखने की ललक रखते थे।
युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं शहीद विक्रम बत्रा
डीएवी कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा देश के हीरो हैं लेकिन वह कॉलेज के बेटे भी थे। कॉलेज में तीन साल पढ़ाई करने के साथ एनसीसी इसी कॉलेज से की थी। उनके बारे में हर बच्चे को जानना जरूरी है, क्योंकि बहुत ही कम उम्र में खुद के सपने को पूरा करने के साथ उन्होंने युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।