पंजाब में एक दिन में 2131 जगह जली पराली, चंडीगढ़ पर अब असर उतना नहीं, AQI 151, ये है वजह
पंजाब और हरियाणा में इन दिनों पराली जलने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बीते कल 31 अक्टूबर को पंजाब में 2131 जगह पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। हालांकि चंडीगढ़ की हवा में इसके असर कम पड़ा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब में जिस कदर पराली जल रही है उससे लग रहा है कि हालात बिगड़ने वाले हैं। 31 अक्टूबर को ही पंजाब में बड़े स्तर पर पराली जलाई गई है। पूरे पंजाब में एक दिन में पराली जलाने के 2131 केस सामने आए हैं। जबकि हरियाणा में 70 जगह पराली जलाने के मामले आए हैं। इसके अलावा 20 केस उत्तर प्रदेश के सामने आए हैं।
अब आप अंदाजा लगाइए 2201 केस में से 2131 अकेले पंजाब के हैं। अच्छी बात यही है कि इसका पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ पर उतना भयानक असर अभी देखने को नहीं मिल रहा। प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल चंडीगढ़ में अभी माडरेट ही है।
चंडीगढ़ का एक्यूआइ 150 के आसपास
मंगलवार सुबह चंडीगढ़ का ओवरआल एक्यूआइ 151 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक दर्ज किया गया। हालांकि स्पेसिफिक एरिया जो सबसे व्यस्त हैं उनमें प्रदूषण का स्तर अधिक है। सेक्टर-22 और इसके आसपास एक्यूआइ अभी भी 250 के आस-पास है। यह दो दिन पहले बढ़कर 300 को भी पार कर चुका है।
दिल्ली पर ज्यादा असर
राहत की बात यही है कि ओवरआल चंडीगढ़ का एक्यूआइ अभी बेहद खराब दौर में नहीं पहुंचा है। एक्यूआइ बढ़ने से हालात खराब होते हैं। ऐसा लगता है कि पंजाब की जहरीली हवा का असर दिल्ली पर ज्यादा है। पाकिस्तान की ओर से आने वाली उत्तर पश्चिम हवाओं का रुख हरियाणा से होते नई दिल्ली की तरफ रहता है। इससे यह हवाएं दिल्ली की हवा को प्रभावित करती हैं।
पीजीआइ चंडीगढ़ भी रोजाना कर रहा मानीटरिंग
चंडीगढ़ पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी की टीम रोजाना मानीटरिंग कर रही है। वह देख रहे हैं कि हालात काबू में रहे। इसके अलावा पीजीआइ का स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ भी इस पर डेली रिपोर्ट दे रहा है। गूगल मैप के जरिए पराली जलने की घटनाओं का पता लगाकर रिपोर्ट जारी हो रही है।
इसलिए चंडीगढ़ में असर कम
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन चंडीगढ़ की हवा में ज्यादा असर नहीं हुआ है। इसकी मुख्य वजह यह भी है कि चंडीगढ़ हराभरा शहर है। शहर में पेड़ों की संख्या ज्यादा है। शहर की हरियाली की वजह से वायू प्रदूषण नियंत्रण में है।