भिक्षावृत्ति पर मान सरकार का प्रहार: 'मेरा बच्चा भूखा है, उसे दूध...', श्री हरिमंदिर साहिब से पकड़े 6 बच्चे व एक महिला
अमृतसर में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने श्री हरमंदिर साहिब के पास से छह बच्चों और एक महिला को पकड़ा। महिला बच्चों से भीख मंगवा रही थी। बच्चों को पिंगलवाड़ा भेजा गया है और महिला को सखी सेंटर में रखा गया है। बाल संरक्षण विभाग ने यह कार्रवाई गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सूचना पर की।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। 'भगवान के नाम पर कुछ दे दो। मेरा बच्चा भूखा है। उसे दूध दिला दो।' यह करुणामयी स्वर उस महिला का है जिसकी गोद में बच्चा है और हाथ में दूध की खाली बोतल। यह बोतल हमेशा खाली ही रहती है और इस जैसी अनेक महिलाएं ऐसा दिखावा कर लोगों से भीख मांगती हैं।
दैनिक जागरण द्वारा भिक्षावृत्ति के खिलाफ चलाए गए अभियान के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। भिखारियों की धरपकड़ जारी है, वहीं बाल भिक्षुओं की भी शिनाख्त की जा रही है। इसी बीच शनिवार को प्रशासन ने श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास भीख मांग रहे छह बच्चों के साथ एक महिला को पकड़ा।
यह महिला इन बच्चों से भिक्षा मंगवा रही थी और खुद को इनकी मां बता रही थी। पुलिस ने बच्चों को पिंगलवाड़ा भेज दिया, जबकि महिला को सिविल अस्पताल स्थित सखी सेंटर में रखा गया है।
खास बात यह है कि भीख मांगने यह महिला देखने में भिखारी नहीं लगती थी। अच्छा पहनावा, आभूषण पहने हुए और चेहरे पर मेकअप किया हुआ था। दरअसल, बाल संरक्षण विभाग को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी राजिंदर सिंह रूबी की ओर से सूचना दी गई थी कि श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास भीख मांगने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यहां छोटे बच्चों से भीख मंगवाई जा रही है।
श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने आने वाले श्रद्धालुओं को ये भिखारी तंग कर रहे हैं। ऐसी संभावना भी व्यक्त की गई थी कि भीख मांगने वाले बच्चों को दूसरे राज्यों से यहां लाया गया है। इस सूचना के आधार पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी तरनजीत सिंह ने प्रोजेक्ट जीवनजोत के अंतर्गत रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया।
बच्चों से भीख मंगवा रही एक महिला को छह बच्चों के साथ पकड़ा गया। इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जिसने बच्चों को फिलहाल पिंगलवाड़ा भेज दिया है, जबकि महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।
तरनजीत सिंह ने कहा कि अभियान पंजाब के असहाय बच्चों को सम्मानजनक जीवन और अधिकार प्रदान करने पर केंद्रित है और हमारा प्रयास शहर से ऐसे लोगों को बेनकाब करना और बच्चों को सुरक्षित भविष्य देना है।
पंजाब सरकार द्वारा भीख मांग रहे बच्चों के अभिभावकों का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट करवाने की घोषणा की है। इसके बाद से पुलिस व बाल संरक्षण विभाग द्वारा भिखारियों की धरपकड़ तेज कर दी गई है।
इससे पूर्व पुलिस ने बीते वीरवार को गोल्डन गेट क्षेत्र में भीख मांग रहे छह बच्चों और छह महिलाओं को काबू किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनसे भीख मंगवा रही महिलाओं के इस दावे की पुष्टि की जा रही है कि ये बच्चे वाकई इनके हैं अथवा मानव तस्करी का शिकार बने हैं। इसकी पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट भी करवाया जाएगा।
अमृतसर में बाल भिक्षुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां के पॉश क्षेत्रों में कई महिलाएं ऐसी हैं जिनकी गोद में बच्चे हैं, जो किसी भी तरह से उनके नहीं लगते। सामाजिक कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अमृतसर में 600 भिखारी हैं, जबकि वास्तविक संख्या 1500 से 2000 के बीच मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ एक अभियान चलाया था, जिसके तहत भिखारियों द्वारा भीख मांगने के तरीकों और जनता को परेशान करने जैसे मुद्दों पर समाचार प्रकाशित किए गए थे। अभियान का प्रभाव यह रहा कि सरकार ने भिखारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और अब बाल भिक्षुओं के डीएनए टेस्ट करवाए जा रहे हैं।
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