चंडीगढ़ में आवारा कुत्ते और पशु बने बड़ा खतरा, सामाजिक कल्याण समिति उठाएगी मुद्दा, कराएगी उचित समाधान
चंडीगढ़ में आवारा पशुओं और कुत्तों की बढ़ती समस्या पर सामाजिक कल्याण समिति ने चिंता जताई है। समिति ने इस खतरे को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। लापता बच्चों के मामले पर भी चर्चा हुई और पुलिस से तेजी लाने का आग्रह किया गया। वरिष्ठ नागरिक गृह के निर्माण में देरी पर चिंता व्यक्त की गई और वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की गई।

जनरल सत्यपाल जैन की अध्यक्षता में यूटी गेस्ट हाउस में हुई सामाजिक कल्याण समिति की बैठक।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन की सामाजिक कल्याण समिति ने शहर में आवारा पशुओं और आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।
समिति ने कहा कि चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों और आवारा पशुओं के खतरे के कारण लगभग हर दिन बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं, जिससे लोगों, खासकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों में दहशत फैल गई है।
पूर्व सांसद और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन की अध्यक्षता में यूटी गेस्ट हाउस में हुई समिति की बैठक में इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर उठाने और चंडीगढ़ के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल करके इस समस्या का उचित समाधान ढूढ़ने का निर्णय लिया गया।
बैठक में सेक्टर 49 में वरिष्ठ नागरिक गृह के निर्माण में हो रही देरी पर भी चिंता व्यक्त की गई। समिति ने इंजीनियरिंग विभाग से इस परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने और अगली बैठक में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
31 में से 24 बच्चे अभी लापता
समिति को बताया गया कि चंडीगढ़ में लापता 31 बच्चों में से 7 बच्चों का पता लगा लिया गया है और अब 24 बच्चे लापता हैं। समिति ने चंडीगढ़ पुलिस से इन बच्चों का पता लगाने में तेजी लाने का अनुरोध किया।
यह पाया गया कि सेक्टर-41 में 5 एकड़ का एक भूखंड खाली पड़ा है, जिसे सीजीएचएस डिस्पेंसरी के लिए चिह्नित किया गया था। समिति ने संबंधित विभाग से अगली बैठक से पहले एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया कि डिस्पेंसरी के निर्माण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
वरिष्ठ नागरिकों की अतिरिक्त देखभाल करने की सिफारिश
समिति ने चंडीगढ़ प्रशासन को कानून-व्यवस्था, विभिन्न सरकारी कार्यालयों में उनके आने-जाने आदि के मामलों में वरिष्ठ नागरिकों की अतिरिक्त देखभाल करने की भी सिफारिश की। डॉ. परमिंदर सिंह ने बताया कि सेक्टर-16 अस्पताल ने अब किसी भी चिकित्सा आवश्यकता पड़ने पर वरिष्ठ नागरिकों के घरों पर जाने के लिए आवश्यक चिकित्सा कर्मचारियों सहित एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की है।
समिति ने वृद्धावस्था, विधवा और विकलांग पेंशन को बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति माह करने की अपनी पुरानी सिफारिश भी दोहराई, जो पिछले कई वर्षों से लंबित है। समिति ने सरकारी औषधालयों में शाम की ओपीडी खोलने की अपनी मांग दोहराई।
बताया कि चालू वर्ष के लिए 7 करोड़ रुपये की मंजूरी के लिए अंतिम रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंप दी गई है। समिति ने सेक्टर-31 स्थित ग्रुप हाउस, सेक्टर-38 स्थित प्रयास और मूक-बधिर लोगों से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने का निर्णय लिया।

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