स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ को नहीं मिला शहीद का दर्जा, परिजनों ने उपेक्षा पर सरकार से जताई नाराजगी
जम्मू-कश्मीर में 27 फरवरी को एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर क्रैश होने के कारण हुए हादसे में जान गंवाने वाले स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ को सरकार ने अब तक शहीद का दर्जा नहीं दिया है।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]: जम्मू-कश्मीर के बडग़ाम में 27 फरवरी को एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर क्रैश होने के कारण हुए हादसे में जान गंवाने वाले स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ को सरकार ने अब तक शहीद का दर्जा नहीं दिया है। जबकि इसी हादसे में मारे गए हरियाणा के दो अन्य सैनिकों को शहीद का दर्जा दिया जा चुका है। यह हादसा पाक में आतंकी ठिकानों पर हुए वायु सेना के हवाई हमले के बाद हुआ था। बुधवार को सेक्टर-44 स्थित सूद भवन में स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ की याद में आयोजित प्रार्थना सभा के दौरान सिद्धार्थ के परिजनों का दर्द छलका। उन्होंने इस उपेक्षा पर सरकार के प्रति नाराजगी भी जताई।
पिता बोले- बेटे को शहीद का दर्जा मिलना ही सच्ची श्रद्धांजलि
सिद्धार्थ के पिता जगदीश वशिष्ठ ने कहा कि वह 20 साल पहले परिवार के साथ चंडीगढ़ आ गए थे, लेकिन वह मूल रूप से अंबाला जिले के हमीदपुर गांव के निवासी हैं। ऐसे में न तो चंडीगढ़ प्रशासन ने और न ही हरियाणा सरकार ने सिद्धार्थ को शहीद का दर्जा देने को लेकर कोई कोशिश की। जबकि सिद्धार्थ को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए, यही सिद्धार्थ की शहादत का सच्चा सम्मान होगा। मेरी बहू बहादुर और श्रीनगर में ही ज्वाइन करेगी ड्यूटी ज्वाइन सिद्धार्थ के पिता जगदीश वशिष्ठ ने यह भी कहा कि बेटे की पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती भी बहादुर बेटी है। वह तमाम रस्में पूरी कर जल्द श्रीनगर में ड्यूटी ज्वाइन करेगी।
रिटायर्ड एयर मार्शल बोले- वे खुद करेंगे पैरवी
एयरफोर्स की तरफ से स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ की आत्मा की शांति के लिए रखे शांति पाठ में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे रिटायर्ड एयर मार्शल ने रमेश राय ने कहा कि हम सभी सिद्धार्थ और उसके परिवार के साथ खड़े हैं। इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं थी, नहीं तो वे पहले ही संबंधित अधिकारियों और सरकार के सामने मामले को रखते। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली वापस पहुंचे ही खुद इस बात की परैवी करेंगे।
यूटी प्रशासक के सामने मुद्दा उठाएंगे
संजय टंडन भाजपा के चंडीगढ़ अध्यक्ष संजय टंडन भी शहीद सिद्धार्थ की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में पहुंचे। टंडन के सामने भी परिवार के लोगों ने बेटे को शहीद का दर्जा देने की मांग रखी। संजय टंडन ने कहा कि वह इस बारे में जल्द यूटी प्रशासक वीपी बदनौर से मिलकर मामले की पैरवी करेंगे। सिद्धार्थ पर पूरे देश को नाज है। हम सब परिवार के साथ खड़े हैं। दो साल के बेटे को देख भावुक हुए सभी प्रार्थना सभा में सिद्धार्थ की पत्नी आरती, बेटा अंगद और परिवार के अन्य सभी सदस्य मौजूद थे। दो साल के अंगद को पिता के दुनिया से जाने का शायद अभी अंदाजा नहीं है।
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