Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में सत्‍ता परिवर्तन की सुगबुगाहट से हलचल तेज, बड़ा सवाल अमरिंदर के बाद अगला चे‍हरा कौन

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 18 Sep 2021 03:02 PM (IST)

    Punjab Congress Meeting पंजाब कांग्रेस विधायक दल की अचानक बैठक बुलाने से चंडीगढ़ में राजनीति हलचल तेज हो गई है। पार्टी के एक खेमेे की सक्रियता से सत्‍ ...और पढ़ें

    Hero Image
    पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

    चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Congress Meeting: पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक अचानक बुलाए जाने से राज्‍य में सत्‍ता परिवर्तन की कयासबाजी तेज हो गई । सुबह से पंजाब के सियासी गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं कि क्‍या इस बैठक को बुलाकर पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में सत्ता परिवर्तन की नींव रखी जा चुकी है। बैठक से पहले कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे लाबिंग में जुटे हुए हैं। पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल था कि क्‍या कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को बदलेगी और बाद में कांग्रेस हाईकमान ने कैप्‍टन से इस्‍तीफा मांग कर इसे भी साफ कर दिया। अब बड़ा सवाल है कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर कांग्रेस अगले सीएम के रूप में किस पर दांव खेलेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तमाम प्रयासों के बावजूद पार्टी हाईकमान द्वारा आज विधायक दल की बैठक बुलाने के बड़े संकेत थे। माना जा रहा था कि अब कैप्टन अमरिंदर सिंह काे सीएम पद से हटाकर नया चेहरा भी लाया जा सकता है। पार्टी हाईकमान ने पहले ही पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने का फैसला कर लिया था और इसके लिए सही समय की प्रतीक्षा की जा रही थी। माना जा रहा है कि आज की बैठक में पार्टी हाईकमान इसको लेकर विधायकों से मोहर लगवाना चाहती है ताकि उसके ऊपर यह आरोप न लगे कि कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले उनकी (विधायकाें की) राय नहीं ली गई।

    वहीं बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज की बैठक को लेकर के लॉबिंग कर रहे हैं। वह अपने समर्थक विधायकों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके बावजूद पार्टी हाईकमान द्वारा हरीश चौधरी और अजय माकन के रूप में भेजे जा रहे पर्यवेक्षक और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की बैठक में उपस्थिति ने पहले ही बड़े संकेत दे दिए थे। इसके कारण किसी प्रकार की लाबिंग होने की संभावना न के बराबर नहीं दिखाई दे रही है।

    अफसरों पर विश्वास और राजनेताओं से दूरी पड़ा कैप्टन प्रभारी

    मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान एक बार फिर प्रशासनिक अफसरों पर भरोसा किया और वहीं राजनेताओं से धीरे-धीरे दूरी बनाते गए। पूर्व में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू उनके आंख और कान बने हुए थे जबकि पूर्व कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ उनकी राजनीतिक गतिविधियों को संभाल रहे थे। धीरे-धीरे ये दोनों ही लोग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से दूर हो गए। माना जा रहा है कि इसके बाद से ही राजनीतिक सूचनाओं का मुख्यमंत्री तक पहुंचने का माध्यम कमजोर होता चला गया।