पंजाब में बिना लाइसेंस चल रही हैं 13 डिस्टलरी, सरकार ने नहीं की कार्रवाई, विशेष बातचीत में बोले कांग्रेस सांसद दूलो
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो ने कई मुद्दों पर दैनिक जागरण से खुलकर बातचीत की। दूलो ने कहा कि भ्रष्टाचार मुद्दा नहीं क्योंकि वह हमारे सिस्टम में आ गया है। दूलो ने चन्नी सरकार के कामकाज पर भी सवाल खड़े किए।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो हमेशा ही बेबाक टिप्पणी करते हैं। जब कैप्टन मुख्यमंत्री थे, तब भी दूलो लगातार उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते थे। उन्होंने चन्नी सरकार पर भी सवाल खड़े किए। दूलो कहते हैं, केवल मुख्यमंत्री बदला गया, व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया। 2017 में कांग्रेस ने माफियाराज खत्म करने का वादा किया था, न तो कैप्टन ने पूरा किया और न ही चरणजीत सिंह चन्नी ने। दूलो से हमारे विशेष संवाददाता ने विशेष बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंश...
आप चन्नी सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है क्यों?
मेरी खुशी और नाखुशी की बात नहीं है। मैं हमेशा ही कांग्रेस की नीति और विचारों की बात करता हूं। पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदला, चलो देर से ही लेकिन बदला सही, इसके बावजूद व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया। करीब 111 दिन तक चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने किसी ड्रग्स, अवैध रेत-बजरी के कारोबारी या नाजायज शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? माफियाराज तो अब भी बरकरार है।
मुख्यमंत्री तो कह रहे हैं कि उन्होंने काफी महत्वपूर्ण फैसले लिए।
कुछ फैसले अच्छे हैं। खासकर बिजली और पानी को लेकर, लेकिन मैं बात माफियाराज व नाजायज शराब बेचने वालों की कर रहा हूं। पंजाब में 13 डिस्टलरी बिना लाइसेंस के चल रही हैं। इन डिस्टलरी से निकली शराब से 126 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। कई की आंखों की रोशनी गई। न तो कैप्टन अमरिंदर सिंह और न ही चन्नी सरकार ने इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की। बगैर सत्तारूढ़ पार्टी या पुलिस की मिलीभगत के क्या डिस्टलरी चल सकती है। खन्ना, राजपुरा और घनौर डिस्टलरी पकड़ी तो गई, लेकिन उनके मालिकों व उनके राजनीतिक संबंधों की जांच तक नहीं हुई।
आप कहना चाहते हैं भ्रष्टाचार व नशे के विरुद्ध कुछ नहीं हुआ?
मैं कहना नहीं चाहता यह हकीकत है। भ्रष्टाचार तो हमारे सिस्टम का हिस्सा बन गया है। फूड स्कैम, पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कैम, स्थानीय निकाय विभाग में बोगस बिलिंग का स्कैम, किसमें कोई कार्रवाई हुई। रेत-बजरी के अवैध कारोबारियों का पर्दाफाश हुआ क्या? उनके राजनीतिक संबंधों का खुलासा हुआ क्या? कैप्टन ने नहीं किया तो उन्हें कुर्सी से हटा दिया गया लेकिन चन्नी सरकार ने भी इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते थे कि उनके पास उन राजनेताओं की लिस्ट है जो अवैध रेत का कारोबार करते हैं। आखिर वह उसे उगाजर क्यों नहींं करते, जबकि 2017 में हमने माफियाराज को खत्म करने का वादा किया था। आप पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले को ही देख लो। एक एससी मुख्यमंत्री हो और लाखों एससी विद्यार्थियों को इंसाफ न मिले, इससे ज्यादा शर्मिंदगी की बात और क्या हो सकती है।
आने वाले विधानसभा चुनाव को आप कैसे देखते है?
अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। तस्वीर स्पष्ट नहीं है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने घोषणाएं की हैं, पैसा कहां से आएगा?
सिद्धू ने अगर घोषणा की है तो वह उनके पास इस बात का भी प्लान होगा कि पैसा कहां से आएगा।
किसान संगठन भी चुनाव मैदान में है, किसको फायदा या नुकसान होगा?
यह तो नहीं कह सकता कि किसे फायदा या नुकसान होगा, लेकिन किसान संगठनों के चुनाव मैदान में आने से यह सवाल जरूर खड़े हो गए हैं कि क्या वह राजनीतिक पावर चाहते थे। क्योंकि अभी तक को किसान संगठन अपने आप को गैर राजनीति ही बताते रहे।