चंडीगढ़ की सभी सरकारी बिल्डिंग बनेंगी पावर में आत्मनिर्भर, ग्रिड से बिजली की नहीं रहेगी जरूरत, रोड मैप तैयार
मिनिस्ट्री आफ न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी ने चंडीगढ़ को अगस्त 2023 तक 75 मेगावाट सोलर पावर जेनरेशन का लक्ष्य दे रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अगले एक वर्ष का रोड मैप तैयार किया है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। सोलर एनर्जी (Solar Energy) के क्षेत्र में चंडीगढ़ पहले ही काफी बेहतर काम कर चुका है। अब प्रशासन ने बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। 15 अगस्त 2023 तक चंडीगढ़ की सभी सरकारी बिल्डिंग पावर में आत्मनिर्भर बनेंगी। इन बिल्डिंग को ग्रिड से पावर सप्लाई की जरूरत नहीं रहेगी। सभी बिल्डिंग उनकी छतों पर लगे पावर प्रोजेक्ट से ही चलेंगी।
शहर के सभी सरकारी स्कूल, कालेज, हास्पिटल, पुलिस स्टेशन, फारेस्ट और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की बिल्डिंग एक वर्ष में आत्मनिर्भर होंगी। माडल सोलर सिटी बनाने के लिए शहर में बड़ी तेजी से काम चल रहा है। जगह कम होने के बावजूद छोटे से शहर में 31 अगस्त 2022 तक 51 मेगावाट के रूफटाप सोलर पावर प्रोजेक्ट इंस्टाल किए जा चुके हैं।
मिनिस्ट्री आफ न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी ने चंडीगढ़ को अगस्त 2023 तक 75 मेगावाट सोलर पावर जेनरेशन का लक्ष्य दे रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अगले एक वर्ष का रोड मैप तैयार किया है। इस रोड मैप को एडवाइजर धर्मपाल से मंजूरी मिल चुकी है। अब एक वर्ष तक कई बड़े साेलर पावर प्रोजेक्ट लगाकर इस लक्ष्य तक पहुंचा जाएगा।
चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलाजी प्रमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) सीईओ देबेंद्र दलाई ने ऐसे सभी बड़े प्रोजेक्ट की साइट फिजिब्लिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इन सभी प्रोजेक्ट को एडवाइजर ने भी मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं अब तो सभी प्रशासनित बिल्डिंग को केवल सोलर से चलाने का लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया गया है।
एरिया के हिसाब से देश की माडल सोलर सिटी है चंडीगढ़
चंडीगढ़ 114 स्क्वेयर किलोमीटर एरिया के साथ सीमित जमीन वाला शहर है। केवल छतों के सहारे चंडीगढ़ 51 मेगावाट सोलर पावर जेनरेट करने वाला देश का पहला शहर बन गया है। छोटे शहरों में कहीं इतनी सोलर जेनरेट नहीं हो रही। माडल सोलर सिटी बनकर चंडीगढ़ देश के दूसरे शहरों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। यहां अधिकतर सरकारी बिल्डिंग की छतों पर सोलर प्रोजेक्ट लग चुके हैं। 500 वर्ग गज से अधिक के मकानों और प्रापर्टी पर सोलर जेनरेट करने का लक्ष्य है। अधिकतर बड़े घरों पर प्लांट लग भी चुके हैं।
75 मेगावाट का लक्ष्य हासिल करने के लिए रोडमैप
- अभी सोलर पावर पैदा हो रही - 51.062 मेगावाट
- 31 दिसंबर 2022 तक - 57 मेगावाट
- 31 मार्च 2023 तक - 67 मेगावाट
- 15 अगस्त 2023 तक - 75 मेगावाट
यह बड़े प्रोजेक्ट लगेंगे
- पटियाला की राव दो मेगावाट
- एन चौ दो मेगावाट
- न्यू लेक सेक्टर-42 800 किलोवाट
- वाटर वर्कर्स सेक्टर-39 15 मेगावाट
शहर की यह बिल्डिंग बनेंगी पावर से आत्मनिर्भर
बिल्डिंग नेट जीरो लक्ष्य
- माडल सेंट्रल जेल 15 अक्टूबर 2022
- फारेस्ट डिपार्टमेंट की सभी बिल्डिंग 15 अक्टूबर 2022
- सभी गवर्नमेंट स्कूल 31 दिसंबर 2022
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