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    पीयू चंडीगढ़ में SOI का प्रदर्शन, सीनेट-सिंडिकेट में बदलाव के खिलाफ पीयू के पूर्व सीनेटर और प्रोफेसर भी उतरे

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jul 2021 01:25 PM (IST)

    पंजाब यूनवर्सिटी चंडीगढ़ में सीनेट और सिंडिकेट में बदलाव के फैसले के खिलाफ वीरवार को स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (सोई) ने अपना विरोध जताया। सोई छात्र नेता रोबिन बराड़ और उनके समर्थकों पीयू कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में पीयू के पूर्व सीनेटर और प्रोफेसर भी शामिल हुए।

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    पीयू वाइस चांसलर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते सोई समर्थक।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनवर्सिटी चंडीगढ़ की सुप्रीम गवर्निंग बाॅडी सीनेट और सिंडिकेट में बदलाव के फैसले के खिलाफ जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। छात्र संगठनों के साथ अब पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व सीनेटर और कुछ प्रोफेसर भी विरोध में उतर आए हैं। वीरवार को पीयू कुलपति दफ्तर के सामने स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SOI) छात्र नेता रोबिन बराड़ और उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। पीयू कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बराड़ ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस को पूरी तरह से राजनीति का गढ़ बना दिया गया है। पीयू कैंपस में एकेडमिक माहौल को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

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    उन्होंने कहा कि पीयू की लोकतांत्रिक बाॅडी सीनेट और सिंडिकेट में कुलपति मनमाने ढंग से बदलाव करना चाहते हैं। पीयू चांसलर की ओर से सीनेट में बदलाव को लेकर हाईपावर कमेटी का गठन ही पूरी तरह से गलत है। सीनेट या सिंडिकेट में किसी तरह के बदलाव का फैसला सीनेट और सिंडिकेट ही ले सकती है। पीयू सीनेट में नए प्रस्ताव के तहत लगभग सभी सीनेटर का चयन नाॅमिनेशन के तहत होगा, जिसमें पूरी तरह से पीयू कुलपति और चांसलर की मनमर्जी चलेगी। बराड़ ने आरोप लगाया कि हाईपावर कमेटी में सीनेट या सिंडिकेट से जुड़े किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया। यह पूरी तरह से पीयू के साथ धोखा किया जा रहा है।

    करीब एक घंटे तक पीयू कुलपति दफ्तर के सामने समर्थकों के साथ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर कुलपति के नाम ज्ञापन भी दिया। उधर, विरोध प्रदर्शन में पहली बार पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट में छह बार सीनेटर चुने जा चुके पूर्व वरिष्ठ सीनेटर प्रोफेसर रविंद्रनाथ शर्मा और पीयू में ही 35 साल तक पढ़ाने वाले पाॅलिटिकल साइंस विभाग के सीनियर प्रोफेसर मनजीत सिंह ने भी सोई के इस प्रदर्शन का समर्थन किया है।

    रविंद्रनाथ शर्मा का कहना है कि सीनेट के डेमोक्रेटिक स्ट्रक्चर को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। पीयू सीनेट में ग्रेजुएट चुनाव क्षेत्र से 15 सदस्यों का चयन वोटिंग के माध्यम से होता रहा है, इस चुनाव क्षेत्र से कोई भी उम्मीदवार जीतकर सीनेट में जा सकता है, लेकिन हाईपावर कमेटी की सिफारिशों के तहत अब इन सीटों को खत्म कर सिर्फ नाॅमिनेशन से चयन किया जाना पूरी तरह से गलत है। प्रो.मनजीत सिंह ने कहा सीनेट में किसी भी बदलाव से पहले इस बारे में सभी लोगों की राय लेना जरूरी है। इस मुद्दे पर खुले मंच से मंथन और बहस होनी चाहिए। लेकिन पीयू प्रशासन ने अपनी इच्छा के अनुसार ही कमेटी गठित करवाई और उसकी रिपोर्ट को चांसलर के पास अप्रूवल के लिए भेज दिया है। उन्होंने रिपोर्ट के कई बिंदुओं पर आपत्ति भी दर्ज करवाई है।

    नॅान टीचिंग स्टॉफ का विरोध भी जारी

    पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में इन दिनों विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। छात्र संगठनों द्वारा पीयू हाॅस्टल खोलने और लाइब्रेरी को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा था, अब बीते काफी दिनों से पीयू नाॅन टीचिंग स्टाॅफ भी प्रमोशन में रोटेशन पाॅलिसी लागू किए जाने को लेकर विरोध कर रहा है। नाॅन टीचिग स्टाॅफ के काफी सदस्य हर रोज करीब एक घंटा कुलपति दफ्तर के सामने नारेबाजी कर रहे हैं, लेकिन पीयू प्रशासन की ओर से नाॅन टीचिंग स्टाॅफ की मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।