चंडीगढ़ की दुकानों में लिखा होगा नो एक्सचेंज, नो रिटर्न, तो दुकानदार पर हो सकती है कार्रवाई
अगर आप कंज्यूमर हैं तो यह खबर आपके काम की है। शहर में कई मार्केट्स की दुकानों में नो रिटर्न नो रिफंड नो एक्सचेंज के बोर्ड लटके होते हैं। ऐसे दुकानदारो ...और पढ़ें

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में जगह-जगह मार्केट में दुकानों और शोरूम पर नो एक्सचेंज, नो रिफंड और नो रिटर्न के बोर्ड देखे जा सकते हैं। यह बोर्ड कैश काउंटर या एंट्रेंस पर ही टांगे गए हैं। जबकि यह सीधे सीधे न्यू कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 का उल्लंघन है। एक्ट में यह सीधे तौर पर बिजनेस का गलत तरीका है।
एडवोकेट अजय जग्गा ने इसको गलत करार देते हुए सेक्रेटरी कंज्यूमर अफेयर्स विनोद पी. कावले को चिट्ठी लिखी है। साथ ही ऐसा करने वाले ट्रेडर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एक्ट के तहत जो भी प्रावधान हो उसके तहत यह कार्रवाई करने की मांग जग्गा ने की है।
जग्गा ने अपनी चिट्ठी में कहा कि इस एक्ट के सेक्शन-2(47) के तहत गलत तरीके से सेल को प्रमोट करना, किसी भी तरह के सामान की सप्लाई, सर्विस उपलब्ध कराना आता है। इसमें यह भी प्रावधान है कि सामान बेचने के बाद उसे वापस लेने से इनकार करना, खराब सामान को वापस लेने से मना नहीं किया जा सकता। इसके अलावा सामान बेचने पर बिल देना भी जरूरी है। लेकिन कुछ ट्रेड् र्स टैक्स से बचने के लिए ऐसा नहीं करते ऐसे ट्रेडर्स पर कार्रवाई होनी चाहिए।
एक्ट में साफ तौर पर प्रावधान है कि अगर प्रोड्क्ट डिफेक्टिव है तो विक्रेता एक्सचेंज करने से इनकार नहीं कर सकता। विक्रेता सामान वापस लेगा। विक्रेता इसके बदले में पैसे वापस लौटाने से इनकार नहीं कर सकता। जग्गा ने कहा कि यह सभी कंज्यूमर के अधिकार में आते हैं। यूटी के कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट को कंज्यूमर के अधिकार की रक्षा करते हुए उन्हें जागरूक करना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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