शिवराज पाटिल ने ही लागू की थी इंडस्ट्रियल पॉलिसी, चंडीगढ़ भवन में जूनियर अफसरों की एंट्री पर भी लगाया था बैन
चंडीगढ़ में शिवराज पाटिल ने इंडस्ट्रियल पॉलिसी लागू की थी। इसके साथ ही, उन्होंने चंडीगढ़ भवन में जूनियर अफसरों की एंट्री बंद कर दी थी। यह फैसला प्रशास ...और पढ़ें

शिवराज पाटिल फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शुक्रवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन हो गया। शिवराज पाटिल के आज कई कार्यों को याद किया जा रहा है। इस बीच उनके चंडीगढ़ प्रशासक के कार्यकाल को भी याद रखा जाना चाहिए। पाटिल साल 2010 से लेकर 2015 तक कंजन के गवर्नर एवं चंडीगढ़ के प्रशासक रहे थे।
शिवराज पाटिल ने राजभवन में प्रशासन के जूनियर अफसरों की भी एंट्री बंद कर दी थी। आम जनता के साथ तो उनकी दूरी बनी ही हुई थी। केवल एडवाइजर, होम सेक्रेटरी और फाइनेंस सेक्रेटरी ही राजभवन में पाटिल से मिल सकते थे।
इंडस्ट्रियल पॉलिसी लागू की
प्रशासक के रूप में कार्य करते हुए शिवराज पाटिल ने शहर की पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी लागू की। हालांकि, यह पॉलिसी आज तक भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है। इसी पॉलिसी में इंडस्ट्रियल एरिया का नाम बिजनेस पार्क रखा गया लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ।
लीज होल्ड से फ्री होल्ड का प्रस्ताव रद्द किया
प्रशासक शिवराज पाटिल ने प्रशासन के उस प्रस्ताव को रद्द हर दिया था जिसमें शहर की इंडस्ट्रियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की बात थी। यह शहर की लबे समय से मांग थी। पाटिल के इस प्रस्ताव को रद्द करने के बाद आज तक यह योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। शिवराज पाटिल को लगता था कि इसके पीछे कोई प्रॉपर्टी माफिया है जबकि यह लोगों की जरूरत थी।

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