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    अकाली दल ने क्यों किया उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार? खुद बताई वजह

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 10:28 AM (IST)

    शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने बाढ़ के दौरान पंजाब के लोगों की कोई मदद नहीं की। हरसिमरत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार की लापरवाही के कारण राज्य का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा है और केंद्र सरकार भी मदद के लिए आगे नहीं आई है।

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    अकाली दल ने क्यों किया उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार? (सुखबीर सिंह बादल फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पार्टी ने कहा है कि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार ने विनाशकारी बाढ़ के दौरान पंजाब के लोगों की कोई सार्थक मदद की है।

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    मौजूदा समय में बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर संसद में पार्टी की एकमात्र प्रतिनिधि हैं। पार्टी का कोई राज्यसभा सांसद नहीं है। पार्टी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राज्य का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। घर और फसलें पूरी तरह से खराब हो गई हैं।

    यह पंजाब सरकार की लापरवाही और अक्षमता के कारण हुई एक मानव-निर्मित त्रासदी है। न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र पंजाबियों की किसी भी तरह से मदद के लिए आगे आया है। पंजाब के लोग केंद्र सरकार से बेहद नाराज़ और नाराज हैं, क्योंकि वह राज्य की दुर्दशा के बावजूद उपराष्ट्रपति चुनाव करा रही है। -शिरोमणि अकाली दल (बादल)

    पोस्ट में आगे कहा गया कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब के लोगों की भावनाओं और आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए, पार्टी ने इस उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

    शिरोमणि अकाली दल के अलावा, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजद) ने भी मतदान से दूर रहने का फैसला किया है।

    बीआरएस ने संकट के समय तेलंगाना के किसानों को दी गई मदद की कमी का हवाला दिया, जबकि बीडीएस ने कहा है कि वे एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं।

    उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए रेस में ये उम्मीदवार

    9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया ब्लॉक द्वारा समर्थित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी और एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के बीच सीधा मुकाबला होगा। एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों ने यह सुनिश्चित करने के लिए मॉक पोल आयोजित किए कि चुनाव के दौरान कोई भी अवैध वोट न दिया जाए।

    '427 वोट मिलने की उम्मीद'

    एक भाजपा नेता ने कहा कि एनडीए उम्मीदवार को कम से कम 427 वोट मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि विपक्षी उम्मीदवार को 324 से अधिक वोट मिलेंगे।

    बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया था।

    उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सांसद होते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा शासित होता है।

    चुनाव आयोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 द्वारा उपराष्ट्रपति चुनावों को अधिसूचित करता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त होगा। 

    (समाचार एजेंसी एएनआई के साथ)