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    हाईकोर्ट स्थानांतरण या भवन विस्तार, विकल्प कौनसा सही, वकीलों का मतदान तय करेगा

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 01:05 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट को नए स्थान पर स्थानांतरित करने के मुद्दे पर वकीलों से मतदान कराने का फैसला किया है। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को भीड़ को देखते हुए नए भवन निर्माण का विकल्प तलाशने को कहा था। बार एसोसिएशन ने सारंगपुर में स्थानांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है पर मौजूदा परिसर में विस्तार का भी एक विकल्प है।

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    हाईकोर्ट को चंडीगढ़ के सारंगपुर गांव में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मिल चुकी है मंजूरी।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने घोषणा की है कि हाईकोर्ट को मौजूदा भवन से किसी नए स्थान पर स्थानांतरित करने के मुद्दे पर वकीलों से मतदान कराया जाएगा। यह निर्णय उस समय सामने आया है, जब हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन को बढ़ती भीड़ और जगह की कमी को देखते हुए वैकल्पिक स्थान पर नए भवन के निर्माण का विकल्प तलाशने के निर्देश दिए थे।

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    न्यायालय ने इस संबंध में बार एसोसिएशन और यूटी प्रशासन को एएसजी की अध्यक्षता में संयुक्त बैठक करने को कहा था। इसी क्रम में 20 अगस्त को बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से हाईकोर्ट को चंडीगढ़ के सारंगपुर गांव में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

    यहां पहले से 15 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है, जबकि कुल 48.865 एकड़ भूमि हाईकोर्ट भवन के लिए अधिसूचित है। इससे न्यायालय के लिए लगभग 42 लाख वर्ग फुट क्षेत्र उपलब्ध कराया जा सकेगा। 22 अगस्त को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यदि यह प्रस्ताव आम सभा में पारित हो जाता है तो इसे स्वीकार किया जाएगा, अन्यथा नहीं।

    मौजूदा परिसर में विस्तार का विकल्प

    वहीं, मौजूदा परिसर में बार रूम के सामने लगभग 3 लाख वर्ग फुट में नया भवन बनाने का भी प्रस्ताव है। इसमें 16 अतिरिक्त न्यायालय कक्ष और 600-700 गाड़ियों के लिए भूमिगत पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। हालांकि, चूंकि वर्तमान भवन यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है, इसलिए इसके लिए विश्व धरोहर समिति की स्वीकृति आवश्यक होगी।

    बार एसोसिएशन की आपत्ति

    बार एसोसिएशन सचिव गगनदीप जम्मू ने स्पष्ट किया कि मौजूदा परिसर में नए निर्माण की स्थिति में अधिवक्ताओं को केवल 60 हजार वर्ग फुट का क्षेत्र मिलेगा, जो आवश्यकता की तुलना में बेहद कम है। इसके साथ ही निर्माण कार्य में पांच वर्ष से अधिक समय लग सकता है, जिससे लगातार अवरोध, ट्रैफिक जाम, धूल और पार्किंग की और अधिक समस्या उत्पन्न होगी।

    वर्तमान में भी हाईकोर्ट परिसर में केवल दो प्रवेश व निकास द्वार हैं, जिनका विस्तार संभव नहीं है। आने वाले समय में न्यायाधीशों, कर्मचारियों, वकीलों और आम वादियों की संख्या बढ़ने से भीड़ और अधिक बढ़ेगी।

    मतदान की अपील

    बार एसोसिएशन ने अपने सदस्यों से अपील करते हुए कहा है कि उन्हें यह तय करना होगा कि "क्या हम मौजूदा परिसर की भीड़भाड़ में ही काम करना चाहते हैं या भविष्य के लिए खुला, व्यवस्थित और सुचारु वातावरण में सांस लेना चाहते हैं।" मतदान की तिथि और समय जल्द अधिसूचित किया जाएगा।