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    पंजाब में नकली बीज बेचा तो खैर नहीं, पकड़े जाने पर इतने साल के लिए खानी पड़ेगी जेल की हवा

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 02:06 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा में नकली बीज बेचने वालों को सज़ा देने के लिए बिल पास हुआ जिसके तहत दोषियों को एक से दो साल तक की कैद हो सकती है। विपक्षी विधायकों ने इस बिल को और व्यापक बनाने की मांग की ताकि किसानों को नकली बीजों से बचाया जा सके। सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को मुफ्त बीज देने का भी आश्वासन दिया है।

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    पंजाब में नकली बीज बेचा तो खैर नहीं (गेहूं फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में नकली बीज बेचने वालों को अब एक से दो वर्ष तक की सजा होगी। पंजाब विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस के विधायक राणा गुरजीत सिंह सहित विपक्षी विधायकों ने ‘द सीड्स बिल पंजाब संशोधन 2025’ का कड़ा विरोध किया और इसे स्थगित करने की मांग की।

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    उन्होंने कहा कि यह एक व्यापक मामला है और इसे माहिरों की टीम से विचार-विमर्श के बाद बनाया जाए। उन्होंने बताया कि पंजाब आलू के सीड के लिए बड़ा नाम है, लेकिन इसके नाम पर कोई तरह के गलत बीज किसानों को बेचे जा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि इस बिल को पारित करके पंजाब व हरियाणा के सांसदों को तैयार किया जाए ताकि वे संसद में इसे पारित करवा सकें।

    उन्होंने कहा कि सीड सर्टिफिकेशन के डायरेक्टर तक को कुछ पता नहीं है। नकली बीज आ रहा है। किसानों से चीटिंग हो रही है। हमें सीड सर्टिफिकेशन एजेंसी को सशक्त बनाना होगा।

    छह महत्वपूर्ण बिल किए पास

    पंजाब विधानसभा ने 6 महत्वपूर्ण बिल पास किए। विधायक परगट सिंह ने भी कहा कि पीएयू ने जो भी नई वरायटी दी है, उसने पैदावार बढ़ाई है। आज उनके पास रिसर्च के लिए पैसा नहीं है। संदीप जाखड़ ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से नकली बीज बेचने वालों को सजा दिलाने का रेट जीरो है।

    विजय सिंगला ने कहा कि नकली बीज बनाने वाले मेन्यूफैक्चर को मिले, डीलर तो केवल इसे बेचते हैं। दुकानदार को जिम्मेवार ठहराया न जाए।

    सीएम भगवंत मान ने इसे गंभीर मामला बताया और कहा कि बीज नकली है, इसका पता तो छह महीने बाद चलता है। उन्होंने कहा कि सही बीजों की एक सूची लगाई जाया करेगी। दुकानदार केवल इन्हीं बीजों को रखें।

    उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया कि बाढ़ प्रभावित किसानों को दो लाख क्विंटल बीज निशुल्क दिया जाएगा। जीएसटी (संशोधन) बिल, 2025 पासवित्त, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वस्तु और सेवा कर (संशोधन) बिल, 2025 और पंजाब सहकारी सभाएं (संशोधन) बिल, 2025 को सदन ने सर्वसम्मति से पास कर दिया।

    वित्त एक्ट 2025 संशोधित किया गया

    जीएसटी बिल, 2025 पर बोलते हुए चीमा ने कहा कि यह कानून पंजाब वस्तुएं व सेवाएं टैक्स एक्ट, 2017 के कई भागों में संशोधन का प्रस्ताव है, जिसमें धारा 2, 12, 13, 17, 20, 34, 38, 39, 107, 112 और अनुसूची शामिल हैं जबकि नई धाराएं 122ए और 148ए भी शामिल की गई हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य केंद्रीय वस्तुएं एवं सेवाएं टैक्स एक्ट, 2017 के उपबंधों के साथ संगति सुनिश्चित करना है जिसे हाल ही में वित्त एक्ट, 2025 द्वारा संशोधित किया गया है।

    उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने ‘वन-नेशन वन-टैक्स’ के सिद्धांत पर इसे आगे बढ़ाया, जिस पर पंजाब के तत्कालीन वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने दिल्ली में सहमति व्यक्त की थी।

    उस समय, केंद्र सरकार ने वादा किया था कि राज्यों की अर्थव्यवस्था के स्थिर होने तक मुआवजा शुल्क जारी रहेगा लेकिन यह शुल्क वर्ष 2022 के बाद बंद कर दिया गया।

    चीमा ने कहा कि राज्य की जीएसटी से पहले की राजस्व तटस्थ दर 18.3 प्रतिशत थी, जो देश की औसत दर 14 प्रतिशत से काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पंजाब को आठ वर्षों में 1 लाख 11 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ

    जबकि मुआवज़ा शुल्क से केवल 61,000 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए। वित्त मंत्री ने बताया कि कई अन्य राज्य भी जीएसटी के कारण वित्तीय घाटे से जूझ रहे हैं, लेकिन भाजपा बहुमत वाली केंद्र सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है।

    पंजाब राइट टू बिजनेस बिलउद्योगमंत्री संजीव अरोड़ा की गैरहाजिरी में पंजाब राइट टू बिजनेस बिल मंत्री तरुण प्रीत सोंध ने किया जिसमें उन्होंने बताया कि उद्योगों को प्रफुल्लित करने के लिए 15 रिफार्म्स किए गए हैं जिसके अधीन इंडस्ट्री समयबद्ध ढंग से काम करवा सकेगी।

    हालांकि, इस पर बहस में भाग लेते हुए परगट सिंह ने कहा कि इसमें तीन कानून केंद्र सरकार से संबंधित हैं जिसमें पर्यावरण, लेबर और पानी। क्या हम उसे संशोधित कर सकते हैं? इस पर मंत्री ने कहा कि यह सुविधा केवल नोटिफाइड इंडस्ट्रियल पार्क में लगने वाली इंडस्ट्री के लिए ही है।

    पंजाब टाउन इंप्रूवमेंट संशोधन बिल पर बहसस्थानीय निकाय मंत्री रवजोत सिंह ने यह बिल पेश किया जिसमें इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन को बेचने पर इसका पैसा दूसरी जगह पर भी खर्च किया जा सकेगा।

    इसका कांग्रेस के विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा ने कड़ा विरोध किया और कहा कि यदि गुरदासपुर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट का एक भी पैसा बाहर गया तो वह इसका कड़ा विरोध करेंगे।

    उन्होने कहा कि पैसा केवल उसी शहर में खर्च किया जाना चाहिए जहां की जमीन बेची जा रही है। राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां द्वारा पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रापर्टी रेगुलेशन (संशोधन) विधेयक 2025, वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा द्वारा पंजाब कोापरेटिव सोसाइटीज (संशोधन) विधेयक भी पारित करवाए।