'समझाने के बावजूद नहीं माने किसान; लगातार जलाई जा रही पराली', वायु प्रदूषण के लिए SC ने पंजाब को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर हुई सुनवाई के दौरान पंजाब को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि लगातार किसानों को बैठकें कर समझाने की कोशिश की गई लेकिन इसके बावजूद पराली जलाने के मामले बढ़ते ही जा रही हैं। पंजाब सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक भूमि मालिकों के खिलाफ 984 FIR दर्ज की गई हैं। दो करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा लगाया गया है।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा में लगातार बढ़ते पराली जलाने के मामलों और दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। लगातार प्रदूषित हो रही हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां अदालत में किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है।
पराली जलाने के लिए किसानों के पास कुछ तो कारण हों। शीर्ष अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार की रिपोर्ट बताती है कि किसानों और किसान नेताओं के साथ 8481 बैठकें की गई हैं। इन बैठकों के पीछे का मुख्य कारण यह था कि किसानों को धान की पराली न जलाने के लिए समझाया जा सके।
तमाम प्रयासों के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं में कमी नहीं आई। पराली जलाने के लिए भूमि मालिकों के खिलाफ 984 एफआईआर दर्ज की गई हैं। दो करोड़ रुपये से अधिक का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है, जिसमें से 18 लाख रुपये वसूल किए गए हैं।
धान उगाने के दुष्परिणामों को समझें किसान: SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में भूमि धीरे-धीरे शुष्क होती जा रही है क्योंकि जल स्तर कम होता जा रहा है। यदि जमीन सूख गई तो बाकी सब चीजें प्रभावित होंगी। कहीं न कहीं किसानों को धान उगाने के दुष्परिणामों को समझना चाहिए या समझाया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात का भी पता लगाएं कि कैसे धान की खेती को खत्म कर इसकी जगह किसी और फसल को बढ़ावा दिया जाए।
शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर चलना होगा और इसका हल ढूंढना होगा। अगर आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी रहा तो जमीन सूख जाएगी, पानी गायब हो जाएगा।
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