अब पंजाब में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल, इस्तेमाल पर लगाई रोक; क्या हैं रिजेक्शन के कारण?
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट में पंजाब में बनी 11 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं। ये दवाएं मोहाली, जालंधर और गुरदासपुर में बनती हैं। सरकार ने इन दवाओं को बाजार से हटाने का आदेश दिया है। मेडिकल स्टोर और अस्पतालों को स्टॉक जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

पंजाब में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल। सांकेतिक फोटो
रोहित कुमार, चंडीगढ़। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दवा गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। संगठन की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कुल 112 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। जिनमें पंजाब में निर्मित 11 दवाएं शामिल हैं। यह दवाएं पंजाब के मोहाली, जालंधर व गुरदासपुर जिलों में बनती है।
रिपोर्ट के बाद संबंधित बैच की दवाओं को बाजार से हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मेडिकल स्टोर, डॉक्टरों और अस्पतालों को ओदश दिया गया है कि वे इन दवाओं का स्टॉक तुरंत जमा कराएं। सितंबर 2025 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश भर की केंद्रीय और राज्य स्तरीय लैब्स में 52 दवाएं केंद्र और 60 दवाएं राज्यों के स्तर पर मानकों पर खरी नहीं उतरी।
पंजाब सरकार की ओर से सैंपल फेल होने के बाद संबंधित फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है। इन दवाओं में न्यूमोनिया और गले, नाक, त्वचा संक्रमण में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल है।
11 दवाएं जो फेल हुई, जानें उनके होने के कारण
1. एजेन-20 रपेब्राजोल टैबलेट्स आईपी (मोहाली)
उपयोग : पेट की एसिडिटी कम करने के लिए।रिजेक्शन कारणः एसिड स्टेज और बफर स्टेज के परीक्षण में गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा।
2. पेंजोल-40 टैबलेट्स पैंटोप्रेजोल ग्यास्ट्रो रेसिस्टेंट आईपी 40 mg (मोहाली)
उपयोग : पेट की एसिडिटी और अल्सर के इलाज में।
रिजेक्शन कारण: बफर स्टेज में पैंटोप्रेजोल के घुलने (डिसोल्यूशन) के परीक्षण में विफल।
3. रैक्सोफेन इबुप्रोफेन और पैरासिटामोल टैबलेट्स आईपी (मोहाली)
उपयोगः दर्द और बुखार कम करने के लिए
रिजेक्शन कारणः पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन के घुलने के परीक्षण में असफल।
4. पोडोरम सेफपोओक्सिम टैबलेट्स आईपी 200 mg (गुरदासपुर)
उपयोगः बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में
रिजेक्शन कारणः डिसोल्यूशन और सेफपोओक्सिम की मात्रा परीक्षण में खामी।
5. साइप्रोहेप्टाडीन टैबलेट्स आईपी 4 mg (गुरदासपुर)
उपयोगः एलर्जी और अस्थमा में राहत के लिए
रिजेक्शन कारणः साइप्रोहेप्टाडीन हाइड्रोक्लोराइड की मात्रा परीक्षण में अंतर।
6. लोपरामाइड हाइड्रो क्लोराइड कैप्सूल्स आईपी 2 mg (गुरदासपुर)
उपयोगः दस्त रोकने के लिए
रिजेक्शन कारणः डिसोल्यूशन टेस्ट में विफल।
7. पैंजोल पैंटोप्रेज़ोल सोडियम टैबलेट्स आईपी (गुरदासपुर)
उपयोगः पेट की एसिडिटी के इलाज में।
रिजेक्शन कारणः डिसोल्यूशन (बफर स्टेज) में मानकों पर खरा नहीं उतरा।
8. एमलोकेयर-एटी अम्लोडिपाइन और एटेनोलोल टैबलेट्स
आईपी (गुरदासपुर) उपयोगः उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए
रिजेक्शन कारणः अम्लोडिपाइन और एटेनोलोल की मात्रा परीक्षण में कमी।
9. अमोक्सिसिलिन और पोटैशियम क्लावुलानेट टैबलेट्स आईपी (मोहाली)
उपयोगः बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में
रिजेक्शन कारणः एस्से और डिसोल्यूशन में गुणवत्ता समस्या।
10. फेकोपोड सेफपोओक्सिम प्रोक्षेटिल टैबलेट्स 200 mg (डेराबस्सी)
उपयोगः संक्रमण के इलाज में।
रिजेक्शन कारणः डिसोल्यूशन टेस्ट में विफल।
11. पैरासिटामोल, फेनिलफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट सस्पेंशन (जालंधर)
उपयोगः जुकाम, खांसी और एलर्जी में
रिजेक्शन कारण: एस्से टेस्ट में विफल
12 दिन पहले 8 दवाओं पर लगाई थी रोक
पंजाब सरकार ने 12 दिन पहले 8 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय की तरफ से यह आदेश जारी किए गए है साथ ही एक बैच संख्या जारी की गई है जो प्रयोग में नहीं लाई जा सकती।
मरीजों को दवाएं देने के बाद एडवर्स रिएक्शन की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है। राज्य सरकार की ओर से ड्रग्स इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए है कि वह समय समय पर दवाओं की सैंपलिंग करें।

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