नरम पड़े शिअद के तेवर, बादल बोले- शाह-सुखबीर मुलाकात के बाद सुलझी बात
सिखों के मामलों में दखलंदाजी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी व शिरोमणि अकाली दल के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सिखों के मामलों में दखलंदाजी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी व शिरोमणि अकाली दल के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया है। शिअद के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के बीच हुई बातचीत के बाद सभी बातों को सुलझा दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के बीच दो दिन पूर्व हुई बैठक के बाद शिअद के तेवर नरम पड़ गए हैं। वहीं, रविवार को शिअद की कोर कमेटी ने केंद्रीय अंतरिम बजट की सराहना की। सुखबीर बादल ने भी कहा कि शिअद और भाजपा का गठबंधन मजबूत है और यह बना रहेगा। जो गिले-शिकवें थे, वो खत्म हो गए हैं।
इससे पहले कोर कमेटी में शिअद ने छोटे किसानों को सालाना 6000 रुपये देने के फैसले की प्रशंसा की। कोर कमेटी ने मांग उठाई कि यह सहायता राशि 12000 रुपये की जानी चाहिए। इसके लिए शिअद का एक शिष्टमंडल जल्द ही केंद्रीय वित्तमंत्री से मुलाकात करेगा। वहीं, शिअद ने छोटे किसान ही नहीं, बल्कि खेत मजदूरों को भी सहायता राशि देने की मांग रखी। कोर कमेटी ने बजट को बोल्ड और गरीब व मध्यम वर्ग को राहत देने वाला बताया। गौरतलब है कि भाजपा से विवाद के चलते अकाली दल ने शुक्रवार को पेश हुए बजट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
सुखबीर ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो सहायता राशि दी है, पंजाब की कांग्रेस सरकार को भी उसी अनुपात में छोटे किसानों को सहायता राशि देनी चाहिए। सुखबीर ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि केंद्र की तर्ज पर वह भी छोटे किसानों को मैचिंग ग्रांट दें।
सीटों के बंटवारे पर बैठक जल्द
भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे पर सुखबीर ने कहा कि जल्द ही दोनों पार्टियों की तालमेल कमेटी की बैठक होगी। इसमें सीटों को लेकर सारी बातें तय होंगी। शिअद अमृतसर की सीट लेना चाहती है। उसके बदले में भाजपा को लुधियाना की सीट देना चाहती है। हालांकि, भाजपा पहले ही यह कह चुकी है कि उच्च स्तर पर सीटों के अदला-बदली को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
सुखबीर ने कहा कि कैप्टन को विधानसभा चुनाव में किए अपने वादे पूरे करने चाहिए। बैठक में बलविंद सिंह भूंदड़, तोता सिंह, बिक्रम सिंह मजीठिया, बीबी जगीर कौर, उपिंदर जीत कौर, चरणजीत सिंह अटवाल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा व अन्य नेता उपस्थित थे।