रूपनगर सरपंच चुनाव विवाद: चुनाव ट्रिब्यूनल की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने भी बहुत सुनाई
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने रूपनगर जिले के सरपंच चुनाव विवाद में चुनाव ट्रिब्यूनल की कार्यशैली को लापरवाह बताया। अदालत ने ट्रिब्यूनल द्वारा कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने पर नाराजगी जताई। ट्रिब्यूनल ने बिना प्रतिवादी से जवाब मांगे और मुद्दे तय किए याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए दोबारा सुनवाई के आदेश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रूपनगर जिले में सरपंच चुनाव विवाद से जुड़े एक मामले में चुनाव ट्रिब्यूनल की कार्यप्रणाली को “लापरवाह” और “कानून के विपरीत” करार दिया है। अदालत ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने न तो कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और न ही मामले की गंभीरता को समझा।
जस्टिस पंकज जैन की खंडपीठ ने कहा कि आदेश को देखने से स्पष्ट है कि मुद्दे तय करना तो दूर, ट्रिब्यूनल ने प्रतिवादी से जवाब तक नहीं मंगवाया। ऐसा प्रतीत होता है मानो वह कोई मामूली विवाद निपटा रहा हो, जबकि मामला लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़ा था। यह आदेश बिना दिमाग लगाए पारित किया गया है।
तर्क था कि प्रेजाइडिंग ऑफिसर ने ईमानदारी से मतगणना की
मामला गांव खट्टाना (नूरपुर बेदी तहसील, रूपनगर) के सरपंच चुनाव से जुड़ा है। यहां 15 अक्टूबर 2024 को हुए चुनाव में सरबजीत कौर ने 99 वोट प्राप्त किए जबकि विजेता कमलजीत कौर को 104 वोट मिले। इसके बाद सरबजीत कौर ने चुनाव को चुनौती देते हुए 12 नवंबर 2024 को आनंदपुर साहिब स्थित चुनाव ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की।
ट्रिब्यूनल ने उसी दिन याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि प्रेजाइडिंग ऑफिसर ने ईमानदारी से मतगणना की थी। न तो प्रतिवादी से जवाब मांगा गया, न सबूत दर्ज हुए और न ही किसी गवाह का बयान लिया गया।
हाई कोर्ट ने रवैये को “कैजुअल अप्रोच” बताते
हाई कोर्ट ने इस रवैये को “कैज़ुअल अप्रोच” बताते हुए कहा कि चुनाव याचिकाओं का निपटारा दीवानी प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत होना चाहिए, जिसमें पक्षों को बुलाना, जवाब दाखिल करवाना, मुद्दे तय करना और सबूतों की जांच शामिल है।
अदालत ने इस आदेश की प्रति पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को भेजते हुए निर्देश दिया कि सभी चुनाव ट्रिब्यूनल को उचित प्रक्रिया पालन करने के लिए स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं। हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल का आदेश रद करते हुए मामले को दोबारा सुनवाई के लिए भेज दिया है। अब दोनों पक्षों को 26 अगस्त को ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश होकर मामले की सुनवाई करानी होगी।
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