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    पंजाब: आनंदपुर साहिब को नया जिला बनाने का प्लान रद, अब रूपनगर का नाम बदलने की तैयारी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 07:43 AM (IST)

    पंजाब सरकार आनंदपुर साहिब को नया जिला बनाने की योजना से पीछे हट रही है। वित्तीय बोझ और विरोध के कारण रूपनगर का नाम बदलकर श्री गुरु तेग बहादुर नगर करने का प्रस्ताव है। 24 नवंबर को विधानसभा सत्र में इस पर चर्चा होगी। नया जिला बनाने पर 560 करोड़ रुपये का खर्च आता और 28 करोड़ रुपये वार्षिक वेतन का अतिरिक्त बोझ पड़ता।

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    आनंदपुर साहिब को नया जिला बनाने की जगह रूपनगर का नाम बदलने की तैयारी (फाइल फोटो)

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें बलिदान दिवस पर राज्य सरकार द्वारा श्री आनंदपुर साहिब को जिला बनाने की कवायद को लेकर हुए विरोध और भारी आर्थिक बोझ के चलते सरकार अपने इस फैसले से पीछे हटती नजर आ रही है।

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    पता चला है कि जिला मुख्यालय रोपड़ को ही रखा जाएगा लेकिन श्री गुरु तेग बहादुर नगर के रूप में नया नामकरण करने का बी प्लान तैयार किया जा रहा है। यानी जिला गुरु तेग बहादुर नगर रूपनगर या जिला आनंदपुर साहिब, रूपनगर नाम रखने पर विचार किया जा रहा है।

    ऐसा करने से कोई वर्ग नाराज भी नहीं होगा और न ही किसी विधानसभा हलके के गांव को अन्य जिले में बदलने की जरूरत पड़ेगी। यही नहीं, सरकार पर वित्तीय बोझ भी नहीं आएगा।

    हालांकि अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन राज्य सरकार में एक उच्च पदस्थ अधिकारी का कहना है कि पहले भी शहर के नाम और जिले के नाम में अंतर है। मसलन जिले का नाम शहीद भगत सिंह नगर है लेकिन शहर को लोग नवांशहर के रूप में जानते हैं इसी तरह मोहाली का नाम साहिबजादा अजीत सिंह नगर है।

    रोपड़ और होशियारपुर जिले को काटकर नया जिला बनाने की कवायद के बीच सरकार को अपनी ही पार्टी के भीतर और बाहर विरोध का सामना करना पड़ा है। खासतौर पर गढ़शंकर, रोपड़ व खरड़ आदि जगहों पर भारी विरोध हुआ।

    दरअसल में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें बलिदान दिवस को राज्य सरकार बड़े पैमाने पर मनाने की कोशिश कर रही है। इसमें विधानसभा में होने वाला रूटीन का बिजनेस नहीं होगा बल्कि गुरु तेगबहादुर साहिब जी के जीवन और बलिदान पर चर्चा होगी। साथ ही सरकार उनके नाम पर क्या करने जा रही है इस पर भी प्रस्ताव आएगा। इसी प्रस्ताव में नए जिले के नाम की घोषणा की जा सकती है।

    विभागीय सूत्रों का कहना है कि एक नया जिला बनाने में 560 करोड़ रुपये तो उसमें बनने वाले नए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही आता है, जिसमें सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए दफ्तर, आवास आदि शामिल हैं।

    इसके अलावा नई जिला अदालतें, उनमें काम करने वाले जजों के लिए आवास आदि पर भी खर्च आता है। यही नहीं,हर नए जिले पर अतिरिक्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर खर्च करने पर भी 28 करोड़ रुपये वार्षिक वेतन बढ़ने के भी आसार हैं।

    जानकारी के मुताबिक, सरकार की तरफ से करवाए जा रहे सर्व धर्म सम्मेलन के लिए अलग-अलग धर्मों की जानी-मानी हस्तियां श्री आनंदपुर साहिब पहुंच रही हैं। इनमें श्री श्री रविशंकर, जैन धर्म के दो जैन साधु, मुस्लिम धर्म के दो प्रतिनिधि, दो जज और कई दूसरे लोग शामिल हैं।

    इसके अलावा, तमिलनाडु से एक सांसद, तमिलनाडु सरकार के एक मंत्री ने भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति दी है। अभी तक किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के आने की कोई पुष्टि नहीं हुई है।