Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चंडीगढ़ में बदलेगा नियम, 15 नहीं 9 मीटर से ऊपर ऊंची इमारतों को भी लेनी होगी फायर एनओसी

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 02:13 PM (IST)

    चंडीगढ़ में नगर निगम की ओर से 9 मीटर से ऊंचाई वाली इमारतों के लिए भी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अभी तक 15 मीटर से कम ऊंचाई वाली इमारतों को छूट थी लेकिन इस बदलाव से अधिकतर शोरूम दायरे में आ जाएंगे।

    Hero Image
    नया नियम लागू हो जाने के बाद अधिकतर शोरूम के लिए भी फायर एनओसी लेना अनिवार्य हो जाएगा।

     राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। नगर निगम ने चंडीगढ़ में अग्नि सुरक्षा नियमों को सख्त बनाने की दिशा में एक नया कानून अपनाने की तैयारी कर ली है। 9 मीटर से ऊंचाई वाली इमारतों के लिए भी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट (एफएससी) लेना अनिवार्य करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अभी तक 15 मीटर से कम ऊंचाई वाली इमारतों को छूट थी, लेकिन इस बदलाव से अधिकतर शोरूम दायरे में आ जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्तमान में चंडीगढ़ में दिल्ली फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट, 1986 लागू है। नगर निगम ने पंजाब व हरियाणा के कानूनों की समीक्षा के बाद हरियाणा फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट, 2022 को चंडीगढ़ में विस्तार से लागू करने की सिफारिश की है।

    नगर निगम की फायर कमेटी ने इस प्रस्ताव को पास कर दिया है। अब पब्लिक नोटिस जारी कर 18 अगस्त तक लोगों से सुझाव मांगे हैं। सुझाव आने के बाद अगले माह तक प्रशासक की मंजूरी के बाद इसे लागू करने की अंतिम अधिसूचना को जारी कर दिया जाएगा ।

     दायरे में आएंगी ये इमारतें

    नए प्रविधानों के तहत न केवल ऊंची इमारतें, बल्कि होटल, बिजनेस सेंटर, औद्योगिक इकाइयां, गोदाम स्थल, खतरनाक स्थान और 200 वर्गमीटर से अधिक फ्लोर एरिया वाले मिक्स्ड-यूज़ बिल्डिंग्स को भी एनओसी लेनी होगी। हालांकि 16.5 मीटर तक ऊंची आवासीय इमारतों को छूट मिलेगी ।प्रस्तावित अधिनियम कोई भी नगर निगम की अधिकारिक वेबसाइट पर भी देख सकते हैं ।

    50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का मिलेगा अधिकार

    शैक्षणिक व संस्थागत इमारतें (9 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली), 300 वर्गमीटर से अधिक असेंबली एरिया वाली इमारतें, दो या अधिक बेसमेंट या 100 वर्गमीटर से बड़े एकल बेसमेंट वाली इमारतें भी इसके दायरे में आएंगी।

    प्रस्तावित कानून के तहत पहली बार चीफ फायर अफसर को ऐसा अधिकार मिलेगा कि अग्निशमन कार्य में बाधा डालने वाले या या खतरा पैदा करने वाले सामान को जब्त कर सकेंगे। उल्लंघन पर तीन महीने तक की कैद, 10 हजार तक जुर्माना या दोनों का प्रविधान होगा। कुछ उल्लंघनों पर यह जुर्माना 50 हजार तक हो सकता है।

    एनबीसी के मानक भी लागू रहेंगे

    राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी) के मानक भी लागू रहेंगे, जिनमें सभी मंजिलों पर अग्निशामक यंत्र, स्प्रिंकलर सिस्टम, सुरक्षित निकास मार्ग, प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन और अग्निरोधी फर्नीचर शामिल हैं।

    हालांकि, कई हेरिटेज इमारतों में आधुनिक अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाना मुश्किल है, जिससे पीजीआईएमईआर, पंजाब विश्वविद्यालय, यूटी सचिवालय और पुलिस मुख्यालय जैसी अहम इमारतें अब तक प्रमाणपत्रों से वंचित हैं। प्रस्ताव में इन इमारतों के लिए कुछ छूट का भी प्रविधान रखा गया है, जबकि यूटी प्रशासक को जरूरत अनुसार नियम बनाने का अधिकार दिया जाएगा।

    चीफ फायर अधिकारी को ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं जिसके तहत वह जांच के बाद इमारतों के लिए पांच वर्ष की अवधि के लिए और दो वर्ष की अवधि के लिए अग्निशमन योजना की मंजूरी दे सकते हैं, या निर्धारित समयावधि में कारण दर्ज करते हुए आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं ।