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    Road Safety: चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में ट्रैफिक फ्लो ज्यादा, हादसों की संभावना भी कम नहीं

    By Kuldeep Kumar ShuklaEdited By: Ankesh Thakur
    Updated: Wed, 23 Nov 2022 06:21 PM (IST)

    इस रोड पर ट्रैफिक फ्लो बहुत ज्यादा रहता है। यहां दो तरफ से ट्रैफिक तेजी से इंडस्ट्रियल एरिया में दाखिल होता है एक सेक्टर-28-29 डिवाइडर रोड और ट्रिब्यून चौक की तरफ से और दूसरा ट्रांसपोर्ट चौक की तरफ से। यह ट्रैफिक दाखिल होते ही इंडस्ट्रियल एरिया में जाम लगता है।

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    चंडीगढ़ की कई सड़कों पर हादसे का डर बना रहता है।

     जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इस रोड पर ट्रैफिक फ्लो बहुत ज्यादा रहता है। यहां दो तरफ से ट्रैफिक तेजी से इंडस्ट्रियल एरिया में दाखिल होता है एक सेक्टर-28-29 डिवाइडर रोड और ट्रिब्यून चौक की तरफ से और दूसरा ट्रांसपोर्ट चौक की तरफ से। यह ट्रैफिक दाखिल होते ही इंडस्ट्रियल एरिया में जाम लग जाता है।

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    सेंट्रा माल की तरफ जाने वाले ट्रैफिक की वजह से रूट बाधित रहता है। इसके बाद सीटीयू की डिपो की तरफ जाते समय एचडीएफसी बैंक के सामने से आने वाला ट्रैैफिक भी टी प्वाइंट पर हादसों का कारण बनता है। साथ ही गोशाला के सामने तो रोड चौड़ा कर दिया गया है लेकिन श्मशानघाट के पास नैरो पुलिया होने से पूरा ट्रैफिक रुक जाता है। हादसे की संभावना रहती है।

    सीटीयू डिपो लाइट प्वाइंट

    सीटीयू डिपो के सामने बने लाइट प्वाइंट पर ट्रैफिक रेड सिग्नल में ही चलता रहता है। इससे लोगों को ग्रीन सिग्नल में निकलने पर भी ट्रैफिक को दिक्कत होती है। कई बार हादसे तक हो जाते हैं। सीटीयू लाइट प्वाइंट से हल्लोमाजरा चौक सीटीयू लाइट प्वाइंट से हल्लोमाजरा चौक की तरफ जाने वाले रोड पर कई कालोनी हटने के बाद भी आवाजाही ज्यादा रहती है। कई बार एकदम से कोई भी सड़क पर आ जाता है। सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि इस रोड पर बाईं ओर सीवरेज लाइन होने से उसके मेनहोल जगह-जगह हैं। यह मेनहोल सड़क से चार से आठ इंच तक ऊपर हैं। अब सोचिए तेज गति से आने वाला वाहन इनसे टकराकर संतुलन खोए बिना नहीं रह सकता। बीच में कई जगह तो पुलिस ने काम प्रगति पर होने के बोर्ड तक लगा रखे हैं जो कभी हटते ही नहीं।

    कबाड़ी के कब्जे इंडस्ट्रियल एरिया का बड़ा हिस्सा

    अब इंडस्ट्री की बजाए कबाड़ी क्षेत्र बन गया है। यहां इंडस्ट्रियल प्लाटों में कबाड़ी का काम चल रहा है। सिर्फ प्लाट के अंदर ही नहीं बाहर भी इनका कब्जा है। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में प्लाट नंबर-30 के पास फुटपाथ से सड़क तक सब पुराने सामान से अंटे हैं। यहां रोड की दूसरी तरफ कालोनी हैं। कपड़े भी बीच में ही सुखाए जा रहे हैं। साथ ही कई प्लाट के पास पुरानी डंप कारें पड़ी हैं। यह कई वर्षों से हिलाई ही नहीं गई। इससे ध्यान भटकता है और पार्किंग तक की दिक्कत रहती है। पैदल चलने वालों को जगह तक नहीं मिलती। सेंट्रा माल से इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 यहां से जैसे ही ट्रैफिक सेंट्रा माल की तरफ मुड़ता है आगे एलांते माल की तरफ से आने वाला ट्रैफिक काफी ज्यादा होता है। पुलिस ने प्लास्टिक के बैरीकेड लगाकर दाहिनी ओर मुड़ने पर रोक लगा रखी है। बावजूद इसके कई बार कार इधर मुड़ती रहती हैं। इससे पीछे से आने वाले वाहन टकराने का डर रहता है। यही रोड आगे जाकर हल्लोमाजरा चौक की तरफ बाएं मुड़ता है तो इस रोड पर बहुत बड़े गड्ढे हैं इन पर वाहनों का संतुलन बिगड़ता रहता है। गड्ढों से बचने के लिए वाहन एक दूसरे से टकराने का डर रहता है। साथ ही रोड पर हैवी व्हीकल होने से दिक्कत ज्यादा रहती है।

    रामदरबार एरिया

    रामदरबार एरिया में शोरूम के बाहर ही गाड़ियों की लंबी कतार रहती है। पासपोर्ट आफिस वाली लाइन में सबसे अधिक वाहनों की लाइन होती है। यहां पासपोर्ट के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। उचित पार्किंग नहीं होने से लगातार जाम रहता है। अगली लाइनों में भी हाल कुछ ऐसा ही रहता है। फोर्ड शोरूम के सामने से पूर्व मार्ग लाइट प्वाइंट इस ओर से जब ट्रैफिक पूर्व मार्ग पर निकलता है तो नए वाहन चालकों को यू टर्न में लेने में खासी परेशानी रहती है। यूटर्न के लिए अगली लाइट पर जाना होता है। जानकारी नहीं होने से कई वाहन चालक पहली लाइट से यूटर्न लेते हैं इससे उनके चालान होते हैं। यहां इसकी जानकारी देने वाले साइनेज ठीक से नहीं लगे हैं।

    स्थल :

    इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, 2 की अंदरूनी सड़कें। लिंक रोड, दोनों फेज में कनेक्टिविटी।

    कुल दूरी :

    दोनों फेज 1200 एकड़ में फैले हैं। फेज-1, 776.14 एकड़ और फेज-2, 486 एकड़ में फैला है। सड़क की लंबाई : 85 किमी। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ : हरमन सिद्धू, फाउंडर एराइव सेफ।