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    सड़क सुरक्षा फोर्स: 9836 हादसों में घायलों को दी मदद, 147 लोगों की बचाई जान

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 12:45 PM (IST)

    सड़क सुरक्षा फोर्स के घटना स्थल पर पहुंचने का समय औसतन 6 मिनट और 45 सेकंड है। यह आंकड़ा 9836 सड़क हादसों के दौरान सड़क सुरक्षा फोर्स के रिस्पांस को लेकर निकाला गया है।सरकार का लक्ष्य न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का है बल्कि दुर्घटना होने की सूरत में कम से कम 50 फीसदी जान को 2025 में बचाने का है।

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    सड़क सुरक्षा फोर्स के मुलाजिमों ने मृत्यु दर को 15.74 फीसदी कम किया है।

    डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ का रिस्पांस आने लगा है। वर्ष 2024 के दौरान पंजाब में 9836 सड़क हादसों में सड़क सुरक्षा फोर्स ने सहायता प्रदान की। इन हादसों के दौरान 147 लोगों की जान इसलिए बचाई जा सकी क्योंकि उन्हें समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई गई। जिसकी वजह से पंजाब में सड़क हादसों में जान गंवाने की दर में 15.74 फीसदी की कमी आई है। यह सब कुछ सड़क सुरक्षा फोर्स की मुस्तैदी के कारण संभव हो सका है। अहम बात यह हैं कि यह आंकड़ा केवल चार माह का है। चार माह पहले ही सड़क सुरक्षा फोर्स लोगों की सहायता के लिए धरातल पर आई थी।

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    सड़क सुरक्षा फोर्स के घटना स्थल पर पहुंचने का समय औसतन 6 मिनट और 45 सेकंड है। यह आंकड़ा 9836 सड़क हादसों के दौरान सड़क सुरक्षा फोर्स के रिस्पांस को लेकर निकाला गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार के लिए हरेक जान कीमती है। हमारा लक्ष्य न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का है बल्कि दुर्घटना होने की सूरत में कम से कम 50 फीसदी जान को 2025 में बचाने का है। चार माह के छोटे से कार्यकाल के दौरान सड़क सुरक्षा फोर्स के मुलाजिमों ने मृत्यु दर को 15.74 फीसदी कम किया है।

    सड़क सुरक्षा फोर्स के मुलाजिमों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देने की भी ट्रेनिंग दी गई है। इसी वजह से सड़क सुरक्षा फोर्स के मुलाजिमों ने सड़क हादसे में घायल हुए 5,661 लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई। जबकि 5686 घायल व्यक्तियों को डाक्टरी देखभाल के लिए अस्पतालों पहुंचाया गया है। राज्य के 5,500 किलोमीटर नेशनल व स्टेट हाईवे पर तैनात सड़क सुरक्षा फोर्स के कर्मचारी न सिर्फ दुर्घटना होने पर पीड़ितों को डाक्टरी सेवाएं मुहैया करवाते हैं दुर्घटना के कारणों की भी जांच करती है। अभी तक सड़क दुर्घटनाओं में वैज्ञानिक ढंग से जांच नहीं होती थी।

    भगवंत मान द्वारा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब सड़क दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक तरीके से जांच की जा रही है। जिसके पीछे सरकार का मुख्य लक्ष्य यह हैं कि इस बात का सटीक प्रमाण मिल सके कि दुर्घटना के पीछे कारण क्या था। तकनीकि कारण की वजह से दुर्घटना हुई तो सरकार उन खामियों को दूर कर सके। मानवीय गलतियों की वजह से दुर्घटना हुई तो वह कौन की गलतियां है जो बार-बार हो रही है ताकि उस दिशा में सही कदम उठाए जा सके। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि जब समस्या की जड़ का पता चल जाता है तो उसका इलाज करना आसान होता है। सड़क सुरक्षा फोर्स न सिर्फ लोगों की जान को बचा रही है बल्कि समस्या के जड़ में पहुंच कर दुर्घटना के असली कारणों की भी पड़ताल करती है। तभी हमारा लक्ष्य 2025 में सड़क दुर्घटना में मरने वाली की दर में 50 फीसदी तक कमी लाने का है।

    इसी क्रम में सड़क हादसों के पीड़ितों को तुरंत निर्विघ्न इलाज मुहैया करवाने के लिए शुरू की गई फरिश्ते योजना कीमती जाने बचाने के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 223 दुर्घटना पीडि़तों को निशुल्क इलाज मुहैया करवाया जा चुका है। सड़क हादसों के पीड़ितों की मदद करने और पीड़ितों की जान बचाने के लिए उत्साहित करने के लिए ऐसे 'फरिश्तों' को 2,000 रुपए का नकद इनाम और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाता है और कानूनी पेचीदगियों व पूछताछ से छूट दी जा रही है। अब तक 66 "फरिश्ते" पंजाब राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) के साथ पंजीकृत हो चुके हैं।