ट्रक की टक्कर से हुई थी साइकिल सवार की मौत, परिवार को मिलेगा 54.04 लाख रुपये मुआवजा
चंडीगढ़ मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को 54.04 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया। हादसा 2021 में हुआ था, जब चंडीमंदिर के पास एक ट्रक ने साइकिल सवार तारा प्रसाद पांडे को टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इंश्योरेंस कंपनी के विरोध के बावजूद, ट्रिब्यूनल ने परिवार के हक में फैसला सुनाया।

चंडीगढ़ मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने सुनया फैसला।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के परिवार को 54.04 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है। चार साल पहले सेक्टर 15 पंचकूला निवासी,तारा प्रसाद पांडे की चंडीमंदिर के पास एक ट्रक से टक्कर में मौत हो गई थी।
पांडे हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड में चपरासी के पद पर थे। उनके परिवार ने आरोपित ट्रक चालक रघुबीर सिंह राठौर, ट्रक मालिक और इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी।
मामला 16 जून 2021 की शाम का है जब तारा प्रसाद पांडे अपने दोस्त से मिलकर साइकिल से पंचकूला लौट रहे थे। टोल प्लाजा, चंडीमंदिर के पास राजस्थान नंबर के एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में पांडे की मौके पर ही मौत हो गई।
जांच में सामने आया कि ट्रक चालक रघुबीर सिंह ने लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाते हुए साइकिल सवार पांडे को कुचल दिया। घटना के बाद वह वाहन छोड़कर फरार हो गया था।
पहले गलत ट्रक नंबर पर दर्ज हुई थी एफआईआर
पुलिस ने चश्मदीद गवाह प्रेमलाल शर्मा की शिकायत पर केस दर्ज किया, लेकिन पहले गलत ट्रक नंबर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। प्रेमलाल ने बताया था कि मौके पर दो ट्रक एक साथ गुजर रहे थे, जिस कारण वह ट्रक का नंबर नोट नहीं कर सका।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सेक्टर-25, पंचकूला के पास एक ट्रक (आरजे25GA3922) को पकड़ लिया, जबकि दूसरा ट्रक (आरजे25GA2276) नाडा साहिब के पास मिला और उसका चालक फरार था। जांच के दौरान पता चला कि हादसा ट्रक नंबर आरजे25GA2276 से हुआ था। बाद में पुलिस ने असली आरोपित पर केस दर्ज किया।
इंश्योरेंस कंपनी ने किया याचिका का विरोध
इंश्योरेंस कंपनी ने ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आरजे25GA2276 नंबर वाले ट्रक से हादसा नहीं हुआ था। पुलिस ने पहले आरजे25GA3922 नंबर ट्रक के अज्ञात चालक पर केस दर्ज किया था, लेकिन उसकी बीमा पाॅलिसी खत्म हो चुकी थी।
इसलिए पुलिस ने आरोपितों के साथ मिलीभगत कर एफआईआर में ट्रक का नंबर बदल दिया। हालांकि ट्रिब्यूनल ने इन दलीलों को नहीं माना और बीमा कंपनी को ब्याज सहित मुआवजा अदा करने का फैसला सुनाया।

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