फरीदकोट के कीटनाशक की गलत ब्रांडिंग के मामले में सुपरवाइजर को पंजाब हरियाणा HC से मिली राहत, 22 साल बाद बरी
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मेसर्स जय केमिकल्स के सुपरवाइजर पृथ्वी राज को कीटनाशक मामले में बरी कर दिया। 2003 में फरीदकोट में कीटनाशक निरीक्षक ने मेसर्स एसके पेस्टिसाइड्स की दुकान पर छापेमारी की जिसमें जय केमिकल्स द्वारा निर्मित मोनोक्रोटोफास एसएल का नमूना लिया गया। जांच में नमूना गलत ब्रांड घोषित किया गया क्योंकि सक्रिय तत्व कम पाया गया था।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के फरीदकोट स्थित मेसर्स जय केमिकल्स के उत्पादन सुपरवाइजर पृथ्वी राज को गलत ब्रांडिंग वाले कीटनाशक की आपूर्ति से जुड़े आरोपों से बरी कर दिया है।
जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने 2009 की सजा को पलटते हुए कहा कि राज उस समय जिम्मेदार पद पर नहीं थे, जब संबंधित बैच का उत्पादन हुआ था। मामला 2 जनवरी, 2003 का है। उस दिन फरीदकोट में कीटनाशक निरीक्षक ने मेसर्स एसके पेस्टिसाइड्स की दुकान पर छापेमारी की थी। वहां से जय केमिकल्स द्वारा निर्मित मोनोक्रोटोफास एसएल का एक लीटर पैक लिया गया।
जांच में सक्रिय तत्व 36 प्रतिशत के बजाय केवल 27.70 प्रतिशत पाया गया, जिससे इसे गलत ब्रांड घोषित किया गया। केंद्रीय कीटनाशक प्रयोगशाला में दोबारा जांच में भी नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरा और उसमें सक्रिय तत्व 32.72 प्रतिशत पाया गया। इसके बाद कंपनी मालिक और सुपरवाइजर समेत जिम्मेदार कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ।
फरीदकोट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने 15 अक्टूबर, 2009 को राज और कंपनी मालिक को दोषी ठहराकर दो साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। 2011 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने भी राज की अपील खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट में राज के वकील ने तर्क दिया कि जिस बैच का नमूना लिया गया था, वह 17 अगस्त, 2002 को तैयार हुआ था, जबकि राज को गुणवत्ता नियंत्रण का प्रभारी उत्पादन पर्यवेक्षक 23 दिसंबर, 2002 को नियुक्त किया गया था। जस्टिस बेदी ने इस दलील को स्वीकार करते हुए राज को पूरी तरह बरी कर दिया।
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