माया गार्डन मैग्नेशिया की कामर्शियल व रेजिडेंशियल प्लॉट की रजिस्ट्रियां बंद
विवादों में आने के बाद माया गार्डन मैग्नेशिया के कामर्शियल प्रोजेक्ट व जीरकपुर में चल रहे रेजिडेंशियल प्लॉट की रजिस्ट्रियां जिला प्रशासन ने बंद कर दी हैं।

संदीप कुमार, जीरकपुर (मोहाली) : विवादों में आने के बाद माया गार्डन मैग्नेशिया के कामर्शियल प्रोजेक्ट व जीरकपुर में चल रहे रेजिडेंशियल प्लॉट की रजिस्ट्रियां जिला प्रशासन ने बंद कर दी हैं। इस बाबत जीरकपुर नायब तहसीलदार की ओर से एक नोटिस जारी कर दिया गया है। रजिस्ट्री बंद होने का कारण प्रोजेक्ट के प्रबंधकों की ओर से कई तरह की जरूरी औपचारिकताएं पूरा नहीं किया जाना बताया जा रहा है। इस कारण उनके प्रोजेक्ट की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी गई है। रजिस्ट्रियों के रोक संबंधी सरकारी आदेश जीरकपुर तहसील के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा दिए गए हैं।
बरनाल बिल्डर्स ने जीरकपुर-अंबाला हाईवे पर माया गार्डन मैग्नेशिया प्रोजेक्ट वर्ष 2017 में शुरू किया था। यह अब विवादों में चल रहा है। कई निवेशकों ने प्रोजेक्ट एमडी सतीश जिंदल के खिलाफ हाई कोर्ट, रेरा व कंज्यूमर फोरम में केस दायर किया हुआ है। दैनिक जागरण ने भी इस मुद्दे को सबसे पहले प्रकाशित किया था। इसके बाद इस प्रोजेक्ट में पैसा फंसा चुके निवेशकों ने दैनिक जागरण से संपर्क किया था। इन प्रोजेक्ट्स की रजिस्ट्रियों पर लगी रोक
ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार जीरकपुर की ओर से जो नोटिस जारी किया गया है उसमें बरनाला बिल्डर्स, माया गार्डन सिटी, माया गार्डन फेज-1, माया गार्डन फेज-2, स्टैलर होम्स व व़ंदावन गार्डन प्रोजेक्ट की रजिस्ट्रियों पर रोक लगाई गई है। यह नोटिस सब रजिस्ट्रार की ओर से 12 अक्टूबर की शाम को जारी किया गया है। इसे नोटिस बोर्ड पर लगाया गया है। यह सभी प्रोजेक्ट जीरकपुर में चल रहे हैं। इनमें कामर्शियल व रेजिडेंशियल दोनों प्रोजेक्ट शामिल हैं।
एग्रीमेंट में दर्शाया एरिया पजेशन लेटर में कर दिया कम
माया गार्डन मैग्नेशिया का सबसे बड़ा हैरान कर देने वाला घपला सामने आया है। निवेशकों का आरोप है कि बरनाला बिल्डर्स ने उनके साथ पैसों का ही नहीं बल्कि यूनिट में भी धोखा किया है। निवेशकों का आरोप है कि बरनाला बिल्डर्स से माया गार्डन मैग्नेशिया में जो यूनिट उन्होंने खरीदे उसमें एग्रीमेंट में दर्शाया एरिया पजेशन लेटर में कम कर दिया जा रहा है। प्रत्येक यूनिट में करीब 130.686 स्क्वायर फीट का घपला किया जा रहा है।
केस-1
पंचकूला निवासी निवेशक कमलेश मेहता ने बताया कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट में एक यूनिट बुक करवाया। एग्रीमेंट में यूनिट एरिया 422.156 बताया गया था, लेकिन अब बिल्डर जो उन्हें यूनिट का पोजेशन दे रहा है उसमें एरिया 291.470 दिया जा रहा है। सीधे तौर पर 130.686 स्क्वायर फीट एरिया बिल्डर खा गया। केस-2
गांव नगला निवासी धर्मेदर ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी प्रदीप कौर के नाम से यूनिट बुक किया था। 30 लाख रुपये पेमेंट की थी। उनको भी एग्रीमेंट में 422.156 यूनिट एरिया बताया था, लेकिन पजेशन में 291.470 स्क्वायर फीट एरिया दिया जा रहा है। केस-3
पंचकूला सेक्टर-2 निवासी अशोक जुनेजा ने कहा कि वह पंजाब इरीगेशन डिपार्टमेंट से रिटायर्ड हुए हैं। 51 लाख में यूनिट बुक करवाया था। बिल्डर्स ने उनका यूनिट ही बदल दिया। उन्हें लोअर ग्राउंड में यूनिट नंबर-54 (288 स्क्वायर फीट) बताकर अब कॉर्नर में यूनिट दिया जा रहा है, वह एरिया 249 स्क्वायर फीट है। निवेशकों का आरोप है कि बिल्डर एरिया में भी घपलेबाजी कर रहा है। माया गार्डन फेज-1, 2 के अलावा अन्य प्रोजेक्ट की रजिस्ट्रियां बंद कर दी गई हैं। पॉल्युशन बोर्ड ने औपचारिकताएं पूरी ना होने पर रोक लगाने के लिए कहा था। इस पर संज्ञान लेते हुए रोक के आदेश जारी किए गए हैं।
कुलविदर, नायब तहसीलदार जीरकपुर
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