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    चंडीगढ़ पहुंचे राहुल गांधी, IPS पूरन की पत्नी और दोनोें बेटियों का दुखड़ा सुना, बोले- हरियाणा सरकार तमाशा बंद करे, सीएम उचित कार्रवाई का वादा पूरा करें

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Tue, 14 Oct 2025 12:13 PM (IST)

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी चंडीगढ़ में आईपीएस पूरन कुमार के परिवार से मिले। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा उचित कार्रवाई के वादे को पूरा न करने की बात कही। राहुल गांधी ने परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया और परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

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    चंडीगढ़ में सेक्टर-24 स्थित आईपीएस वाई पूरन कुमार के आवास पर उनको श्रद्धांजलि देते राहुल गांधी।

    गरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा काडर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार के आत्महत्या प्रकरण का मंगलवार को आठवां दिन है। उनके शव का अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार आरोपितों की गिरफ्तारी पर अड़ी हैं। इसी बीच मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आईएएस अमनीत कुमार से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पूरन कुमार की दोनों बेटियों समेत परिवार के सभी सदस्यों का दुख दर्द समझा।

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    मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह एक त्रासदी है। कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने व्यक्तिगत रूप से आईएएस अमनीत कुमार को वादा किया था कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शुरू करेंगे और कार्रवाई शुरू करेंगे। उन्होंने यह बात तीन दिन पहले कही थी, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो रहा है। उनकी दो बेटियां, जिन्होंने अपने पिता को खो दिया है, बहुत दबाव में हैं। राहुल गांधी ने सरकार से परिजनों के लिए न्याय मांगा है।

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    राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने वाई पूरन कुमार की दोनों बेटियों को न्याय दिलाने का जो भरोसा दिलाया था, उसे पूरा करना चाहिये। वाई पूरन कुमार का अंतिम संस्कार कराने में सरकार मदद करे और अब हरियाणा सरकार को यह तमाशा बंद कर देना चाहिये। कहा-मैं लोकसभा में विपक्ष के नेता के नाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें और वाई पूरन कुमार के परिवार पर जो प्रेशर है, उसको खत्म कराइये।

    राहुल गांधी ने कहा यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सिर्फ 10-15 दिन से नहीं, बल्कि छह सात वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। वाई पूरन कुमार का मनोबल गिराने के लिए, लिटिगेशन डैमेज करने के लिए और उनको प्रताड़ित करने के लिए दूसरे अफसर काम कर रहे थे। यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, देश में जो दलित भाई-बहन हैं, उनको गलत मैसेज जा रहा है। आप कितने भी सक्सेसफुल, काबिल और योग्य हैं, अगर आप दलित हैं, आपको दबाया, कुचला और पीसा जा सकता है।

    आप केस दर्ज कीजिये, गिरफ्तार कीजिये। उन्होंने हरियाणा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि परिवार सिंपल मैसेज दे रहा है और बिल्कुल सही है कि आपने एक आईपीएस अफसर का कैरियर खत्म किया, उसे डिसरिस्पेक्ट किया। इसी वजह से आत्महत्या के लिए मजबूर हुए। उनके मरने के बाद तो कम से कम रिस्पेक्ट दीजिये। अगर आप रिस्पेक्ट नहीं देंगे तो यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। यह एक परिवार के रिस्पेक्ट की बात नहीं है, पूरे हिंदुस्तान के दलित समाज के सम्मान की बात है, जल्दी से जल्दी आप कार्रवाई करें।

    हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजे जाने से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि वे एक सर्विंग आफिसर हैं। आप समझते हैं, देश समझता है कि वे परिवार पर कैसे प्रेशर डाल सकते हैं। कार्रवाई होनी चाहिये और आरोपित अधिकारियों पर तुरंत एक्शन किया जाना चाहिये। 

     

     

     

     

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    इससे पहले राहुल गांधी करीब सुबह 11 बजे चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंचे। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पंजाब कांग्रेस नेता अमरिंदर राजा वडिंग ने राहुल गांधी को रिसीव किया। यहां से वे सीधे आईएएस अमनीत पी कुमार से मिलने उनके सेक्टर-24 स्थित आवास पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले पुष्प अर्पित कर आईपीएस पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनके परिवार वालों को बातचीत की और सांत्वना दी।

    हरियाणा में अलर्ट, सौहार्द बनाए रखने की अपील

    वहीं, पूरे हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा के सामान्य प्रशासन विभाग (राजनीतिक शाखा-I) की ओर से इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, सभी संभागीय आयुक्तों, सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखे गए हैं। इसमें कहा गया है कि आईपीएस सुसाइड मामले के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर सरकार ने पुलिस से समुदाय के नेताओं के साथ मिलकर कड़ी निगरानी और सौहार्द बनाए रखने को कहा है। क्षेत्रीय अधिकारियों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।