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    चंडीगढ़ में कोठी प्रकरण मामले में डीएसपी रामगोपाल और पूर्व एसएचओ राजदीप पर उठे सवाल, एसएसपी बोले- किसी को नहीं बख्शेंगे

    By Ankesh KumarEdited By:
    Updated: Fri, 05 Mar 2021 02:23 PM (IST)

    सेक्टर-37 स्थित कोठी को कब्जाने और फर्जी दस्तावेज बनवाकर बेचने के मामले में डीएसपी रामगोपाल और पूर्व एसएचओ राजदीप पर भी सवाल उठने लगे हैं। वहीं एसएसपी ...और पढ़ें

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    चंडीगढ़ पुलिस विभाग के एसएसपी कुलदीप चहल की फाइल फोटो।

    चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ कोठी प्रकरण मामले में डीएसपी रामगोपाल और पूर्व एसएचओ राजदीप पर भी सवाल उठने लगे हैं। सेक्टर-37 स्थित कोठी को कब्जाने और फर्जी दस्तावेज बनवाकर बेचने के मामले में आरोपित शराब कारोबारी अरविंद सिंगला ने एसआइटी की जांच में शामिल होकर तत्कालीन डीएसपी सेंट्रल रामगोपाल के ऑफिस में मीटिंग होने और उनके भरोसे पर कोठी खरीदने का बयान दर्ज करवा चुका है। डीएसपी का भाई प्रॉपर्टी डीलर मामले में आरोपित भी है। वहीं, शिकायतकर्ता तत्कालीन सेक्टर-39 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजदीप सिंह के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा चुका है। दोनों का एसआइटी की जांच रिपोर्ट और एफआइआर में नाम होने के बावजूद पुलिस विभाग ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है।

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    पुलिस की जांच के अनुसार सुखना कैचमेंट एरिया स्थित कोठी में डीएसपी रामगोपाल के साथ ही उनका भाई सतपाल डागर रहता है। सतपाल डागर प्रॉपर्टी डिलिंग का काम करता है। इस मामले में सतपाल डागर को कोठी की रजिस्ट्री और डीएसपी के भरोसे पर बिकवाने लिए ही शामिल किया गया था। इससे प्रॉपर्टी डीलर सौरव ने भरोसा कर महंगी कोठी सस्ते दाम पर खरीद ली थी।

    यह है डीएसपी के भाई की भूमिका

    साल 2017 में कोठी कब्जाने का पूरा प्रकरण शुरू हुआ था। संजीव महाजन और बाउंसर सुरजीत ने एक मंजील पर कब्जा किया था। इसके बाद कोठी जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीपीए) शराब करोबारी अरविंद सिंगला और प्रॉपर्टी डीलर खलिंदर सिंह कादयान के नाम करवाई थी। साल 2019 से मामले में डीएसपी रामगोपाल के भाई प्रॉपर्टी डीलर सतपाल डागर शामिल हुआ। सतपाल सुखना कैचमेंट एरिया स्थित मकान में रहता है। एफआइआर के अनुसार डीएसपी रामगोपाल के ऑफिस में मीटिंग होने के बाद कोठी बेचने का फैसला लिया गया। इस दौरान अरविंद सिंगला 50 फीसद हिस्से की मांग कर रहा था, लेकिन 33 फीसद हिस्सा देने पर सौदा तय हो गया। इसके अलावा कोठी का पूरा हिस्सा प्रॉपर्टी डीलर सौरव गुप्ता ने खरीद लिया था। इस मामले में शामिल सौरव का भाई मनीष गुप्ता भी गिरफ्तार है।  

    मामले में डीएसपी रामगोपाल और पूर्व थाना प्रभारी सेक्टर-39 की भूमिका पर गहनता से पड़ताल जारी है। पुख्ता सबूत मिलने पर इस मामले में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। कोर्ट में सतपाल डागर को पेश कर रिमांड मांगा जाएगा। रिमांड मिलने पर उसके भाई डीएसपी रामगोपाल की भूमिका पर सवाल-जवाब कर सुबूत जुटाया जाएगा।

                                                                                                 -कुलदीप सिंह चहल, एसएसपी, चंडीगढ़।