तो क्या बच जाती पंजाबी सिंगर राजवीर सिंह की जान? पिंजौर के एक निजी अस्पताल ने नहीं किया था इलाज, HC ने लिया एक्शन
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को पंजाबी सिंगर राजवीर सिंह की याचिका पर नोटिस भेजा है। राजवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि सड़क दुर्घटना के बाद एक अस्पताल ने उन्हें प्राथमिक उपचार देने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि अस्पताल ने ऐसा क्यों किया और इस मामले में क्या कार्रवाई हुई।

पंजाबी सिंगर राजवीर की सड़क हादसे में हुई थी मौत (File Photo)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रसिद्ध पंजाबी गायक राजवीर सिंह जवांदा की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। अब इस मामले में पिंजौर पुलिस द्वारा दर्ज डीडीआर (डेली डायरी रिपोर्ट) में यह खुलासा हुआ है कि शोरी अस्पताल, पिंजौर ने घायल जवांदा को समय पर प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) देने से इनकार कर दिया था।
इस घटना को लेकर लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अस्पतालों में डॉक्टरों की ऐसी असंवेदनशीलता और लापरवाही पर चिंता जताई है। संगठन ने इस मुद्दे पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है
याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकारें और प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपात स्थिति में किसी भी अस्पताल द्वारा घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने से इनकार न किया जाए।
हिमाचल में हुआ था हादसा
बता दें कि आठ अक्टूबर को पंजाबी सिंगर और एक्टर राजवीर जवंदा का मोहाली के अस्पताल में निधन हो गया था। 27 सितंबर को हिमाचल में उनका एक्सीडेंट हुआ था। कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद आठ अक्टूबर को मोहाली के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
35 वर्षीय लोकप्रिय गायक राजवीर शिमला जा रहे थे, तभी आवारा मवेशियों के कारण उन्होंने मोटरसाइकिल से नियंत्रण खो गया और उनकी बाइक एक तेज रफ्तार ट्रक से टकरा गई थी।

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