प्यार की परिभाषा को लोगों तक पहुंचाएगी पंजाबी फिल्म लवर
आज की हर रोमांटिक फिल्म में प्यार कालेज से शुरू होता है लेकिन शुक्रवार को एक ऐसी पंजाबी फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज हुई जिसे देखकर हर दर्शक यह कहने पर मजबूर हो गया कि यह फिल्म निर्देशक ने हटकर बनाई है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : आज की हर रोमांटिक फिल्म में प्यार कालेज से शुरू होता है, लेकिन शुक्रवार को एक ऐसी पंजाबी फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज हुई, जिसे देखकर हर दर्शक यह कहने पर मजबूर हो गया कि यह फिल्म निर्देशक ने हटकर बनाई है। यह फिल्म है लवर, जिसमें कई पंजाबी हिट गाने दे चुके गुरी लीड रोल में हैं। यह अभी तक बड़े पर्दे पर रिलीज हो चुकी पंजाबी फिल्मों से सबसे अलग है।
सांग एमपी3 के बैनर तले ग्लोबली रिलीज हुई पंजाबी फिल्म लवर दर्शकों को सिनेमा घरों में खींचने में सफल हो रही है। यह एक रोमांटिक फिल्म है, जो लाली और हीर के इर्द-गिर्द घूमती है। हीर की भूमिका निभा रही रौनक जोशी की यह पहली फिल्म है, जिससे कहीं से भी नहीं लगता कि वह पहली बार कैमरे का सामना कर रही हैं। दर्शकों का यह भी मानना है कि यह फिल्म पारंपरिक कामेडी फिल्मों से अलग है। लंबे समय के बाद पंजाबी सिनेमा में पूरी तरह से प्रेम कहानी पर आधारित कोई फिल्म बनी है जिसकी सिनेमा को बहुत जरूरत थी। फिल्म में हैं यशपाल शर्मा जैसे बड़े कलाकार
दिलशेर और खुशपाल सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म का लुक किसी बालीवुड फिल्म जैसा है। खासकर जब लाली का किरदार निभा रहे गुरी कविता लिखते हैं। उस समय फिल्म में साहित्यिक पहलू भी झलकता है जबकि संवाद बोलते समय भाषा के स्तर का भी ध्यान रखा जाता है। वहीं थिएटर और बालीवुड के मशहूर कलाकार अवतार गिल के अलावा फिल्म में यशपाल शर्मा जैसे बड़े कलाकार भी है। वहीं संगीत की ओर से आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान, हसमत सुल्ताना और जस मानक जैसे प्रसिद्ध कलाकारों को चांदी के रुपये की तरह जप करते सुना जा सकता है। हालांकि फिल्म का अंत काफी मार्मिक है, लेकिन दर्शक पूरी प्रेम कहानी का आनंद उठाएंगे। फिल्म में पंजाबी विरसा भी देखने को मिलेगा
गुरी ने बताया कि उनका मानना है कि गाने से ज्यादा मुश्किल किरदार निभाना है। यह फिल्म उनके दिल के काफी करीब है। इस फिल्म की जब कहानी सुनी तो सुनने के बाद वह अपने आपको रोक नहीं सके। इस फिल्म में आपको वह प्यार देखने को मिलेगा जिस समय दिल में कोई कपट नहीं होता। फिल्म की कहानी स्कूल के समय की है, जहां लाली के लिए स्कूल का मतलब ही हीर है। वह स्कूल केवल हीर के लिए ही जाता है। इस फिल्म में दर्शकों को पंजाबी विरसा भी देखने को मिलेगा।
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