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    Punjab News: 'पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी नहीं जा रहा है'- बोले पंजाब के जल स्रोत मंत्री मीत हेयर

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 07:03 PM (IST)

    पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मीत हेयर ने कहा कि राज्य की किसानी और भूजल को बचाने के लिए नहरी पानी का नेटवर्क मजबूत करना समय की मुख्य जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को जहां पहली बार नहरी पानी मिल रहा है वहीं नरमा काश्तकारों की मांग पर समय से पहले उनको नहरी पानी पहुंचाया गया है।

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    'पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी नहीं जा रहा है'- बोले पंजाब के जल स्रोत मंत्री मीत हेयर

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब के जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने दावा किया है कि रावी दरिया से पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी नहीं जा रहा है। मंत्री ने यह बात उस संदर्भ में कही कि पंजाब का पानी पाकिस्तान को जा रहा है। उन्होंने कहा, रावी दरिया पर तीन प्वाइंट हैं, जहां से पानी जा सकता है लेकिन उस लीकेज को बंद कर दिया गया है।

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    वहीं, मंत्री ने दावा किया कि पंजाब में नहरी पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए बंद पड़े 13,471 खाल (जिससे नहरी पानी खेतों तक ले जाया जाता है) को पुन: बनाया गया है। पंजाब में सिंचाई के लिए अभी तक नहरी पानी का 21 फीसदी ही प्रयोग किया जाता है। जबकि 79 फीसदी पानी जमीन से निकाला जाता है।

    'नहरी पानी के नेटवर्क को मजबूत करना मुख्य जरूरत'

    पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मीत हेयर ने कहा कि राज्य की किसानी और भूजल को बचाने के लिए नहरी पानी का नेटवर्क मजबूत करना समय की मुख्य जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को जहां पहली बार नहरी पानी मिल रहा है वहीं नरमा काश्तकारों की मांग पर समय से पहले उनको नहरी पानी पहुंचाया गया है।

    सिंचाई के लिए 13471 खालों को किया गया बहाल

    मंत्री ने बताया कि पिछले कई दशकों से नहरी पानी न मिलने के कारण राज्य में बंद किए सिंचाई वाले 15741 नहरी खालों में से 13471 खालों को जल स्रोत विभाग ने पिछले ढाई महीनों के दौरान बहाल किया। अब पंजाब में कुल 47000 खालों में से सिर्फ़ 2270 खालों को बहाल करना रहता है। जिन पर भी काम जंगी स्तर पर जारी है।

    उन्होंने कहा कि पिछले लंबे अरसे से नहरी पानी न मिलने के कारण लोगों की तरफ से यह खाल बंद करके साफ कर दिए गए थे। खालों को बहाल करने के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके इनको भाईचारक खालों की जगह सरकारी रुतबा दिया गया। इसके इलावा 25 साल बाद ही खालों की मरम्मत करने की शर्त खत्म की गई।