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    'गुंडागर्दी नहीं चलेगी', पानी को लेकर पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्री भिड़े; CM मान बोले- जब है ही नहीं तो कैसे दूं

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 08:44 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। हरियाणा ने भाखड़ा बांध से 8500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी की मांग की है लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे खारिज कर दिया है। मान ने कहा है कि पंजाब के पास देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले को केंद्र सरकार के हवाले कर दिया है।

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    पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भाखड़ा डैम से 8,500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी की हरियाणा की मांग को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच स्वर तीखे होने लगे हैं।

    एक दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि उन्होंने 26 अप्रैल को फोन पर मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा था कि 23 अप्रैल को बीबीएमबी की ओर से पानी छोड़ने पर पंजाब के अधिकारी ऐतराज जता रहे हैं तब उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि अधिकारियों को पानी छोड़ने का आदेश दिया जा रहा है।

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    सैनी के इस पत्र को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें जवाब भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि आपने कहा है कि मैंने आपको पंजाब के हिस्से से पानी देने का आश्वासन दिया है। ये सरासर झूठ है। ऐसा आश्वासन मैं कैसे दे सकता हूं जबकि मैं जानता हूं कि हमारे पास देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।

    लोगों को भ्रमित करना सही नहीं- मान

    संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह लोगों को भ्रमित करना सही नहीं है। भगवंत मान ने कहा कि हर वर्ष बीबीएमबी 21 मई को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी का बंटवारा करता है जो अगले साल की बीस मई तक लागू रहता है।

    चालू वर्ष में बीबीएमबी ने पंजाब को 5.512, हरियाणा को 2.987 और राजस्थान को 3.318 मीलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी अलाट किया था। हरियाणाा ने अपने हिस्से का पूरा पानी पहले ही इस्तेमाल कर लिया है। इसके बाद हरियाणा ने अनुरोध पर पंजाब अपने हिस्से से 4,000 क्यूसिक पीने का पानी छह अप्रैल से दे रहा है।

    हरियाणा को पानी की आवश्यकता

    हरियाणा की तीन करोड़ आबादी है और उसे पीने के पानी की जरूरत पूरा करने के लिए 1,700 क्यूसिक पानी की आवश्यकता है। हम उससे अढ़ाई गुणा पानी ज्यादा दे रहे हैं। अब आप 8,500 क्यूसिक पानी मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में तो पहले ही पानी की कमी है।

    हमारा भूजल हर साल नीचे जा रहा है और साथ ही बांधों के जलस्तर भी चिंतनीय स्तर तक पहुंच चुका है। पौंग डैम में पिछले वर्ष के मुकाबले 32 फीट, भाखड़ा में 12 फीट और आरएसडी 14 फीट नीचे है। ऐसे में हम आपको और पानी नहीं दे सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से हरियाणा और केंद्र सरकार दबाव बनाकर पंजाब के पानी को छीनने की कोशिश कर रहे हैं, हम यह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

    उधर, हरियाणा की मांग संबंधी मामले को बीबीएमबी ने केंद्र सरकार के हवाले कर दिया है। इस मंत्रालय के मंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पाकिस्तान को नहरों का नहीं बल्कि वर्षा का पानी ही जाता है : सिंचाई विभाग सिंचाई विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि हरियाणा का यह तर्क सरासर गलत है कि मानूसन से पहले डैमों को ज्यादा खाली कर लिया जाए।

    ये भी पढ़ें: 'झूठ बोल रहे हैं भगवंत मान', पंजाब-हरियाणा में पानी को लेकर तकरार; CM सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर किया पलटवार

    यह पानी बरसात में पाकिस्तान को चला जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीनों नदियों के पानी को डैम और बैराज बनाकर रोका हुआ है और रोपड़, हरिके और फिरोजपुर हैडवर्क्स के माध्मय से नहरी सिस्टम के माध्यम से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को दिया जा रहा है। बांधों में पानी के अधिकतम और न्यूनतम दोनों स्तर बनाकर रखे जाते हैं। वहां पानी की स्थिति को देखकर ही पानी छोड़ा जाता है।

    पाकिस्तान में जो पानी जाता है वह हैडवर्क्स के बाद वाले क्षेत्रों में होने वाली वर्षा व शहरों का गंदा पानी है न कि इन नदियों का पानी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पहाड़ों में वर्षा और बर्फबारी कम होने से बांधों का जल स्तर काफी नीचे है। हालात ऐसे हैं कि अगर इस बार अच्छा मानसून रहता है भी तो यह डैम नहीं भर पाएंगे। ऐसे में कहीं से भी अतिरिक्त पानी छोड़ना संभव नहीं है।