Punjab Flood: बाढ़ के बीच पंजाब वेटनरी डॉक्टरों का आंदोलन स्थगित, मांगों को लेकर चार साल से कर रहे संघर्ष
पंजाब में वेटनरी डॉक्टरों की संयुक्त एक्शन कमेटी ने बाढ़ के कारण अपना आंदोलन रोक दिया है। वे मेडिकल अधिकारियों के समान वेतन और अन्य मांगों के लिए संघर्ष कर रहे थे। डॉक्टरों ने पशुपालकों की मदद करने और उनके मवेशियों को बचाने के लिए यह फैसला लिया है। उन्होंने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया और वित्तीय मदद की अपील की।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ज्वाइंट एक्शन कमेटी आफ वेट्स फार पे-पैरिटी ने अपनी लंबित मांगों को लेकर चल रहे संघर्ष को फिलहाल टालने का फैसला लिया है। यह कदम पंजाब में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए उठाया गया है, ताकि बाढ़ प्रभावित पशुपालकों की मदद की जा सके।
ध्यान रहे कि पंजाब के वेटनरी डॉक्टर पिछले साढ़े चार सालों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। वेटनरी अधिकारियों को मेडिकल अधिकारियों के बराबर वेतन (पे-पैरिटी) देना।
डीएसीपी स्कीम को फिर से लागू करना। एचआरए, एनपीए और परिवीक्षा (प्रोबेशन) के दौरान पूरा वेतन देना। बीती 11 अगस्त 2025 को डॉक्टरों ने खटकड़ कलां (भगत सिंह का पैतृक गांव) में राज्य स्तरीय धरना दिया था।
सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर, एक और बड़े विरोध मार्च की तैयारी हो रही थी। डॉक्टरों ने कहा कि पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में पशुपालकों के मवेशियों को बीमारियों और नुकसान से बचाने के लिए वेटनरी डॉक्टरों की सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है। इसी कारण, डॉक्टरों ने नैतिक कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए फिलहाल संघर्ष टालने का फैसला लिया है। वेटनरी डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी जायज मांगों को लंबे समय से अनदेखा कर रही है।
फिर भी, इस मुश्किल समय में डॉक्टर पशुपालकों के साथ खड़े हैं और सेवा जारी रखेंगे। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सभी वेटनरी डॉक्टरों से अपील की है कि वे कुछ वित्तीय मदद बाढ़ प्रभावित पशुपालकों की सीधी मदद करें।
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