बवाल, प्रदर्शन और दबाव, आखिरकार सीनेट चुनाव की तारीखों को मंजूरी, PU प्रशासन के प्रस्ताव के हिसाब से होगा शेड्यूल
लंबे इंतजार के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव की तारीखों को चासंलर एवं उपराष्ट्रपति कार्यालय ने मंजूरी दे दी है। चुनाव यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा भेजे गए शेड्यूल के अनुसार ही होंगे। तारीखों की घोषणा में देरी के कारण छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। मंजूरी मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन जल्द ही विस्तृत कार्यक्रम जारी करेगा।

पीयू में सीनेट चुनाव के चलते छात्र कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। लंबे इंतजार और लगातार बढ़ते दबाव के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर एवं उपराष्ट्रपति कार्यालय ने आखिरकार सीनेट चुनाव की तारीखों को मंजूरी दे दी है।
सचिव सरिता चौहान ने जानकारी दी कि चुनाव उसी शेड्यूल के अनुसार आयोजित किए जाएंगे, जिसे पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भेजा था। मंजूरी जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया को औपचारिक रूप से हरी झंडी मिल गई है।

पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। पिछली सीनेट का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने नई सीनेट के चुनाव से पहले पुरानी सीनेट को भंग कर दिया था। कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों के चलते चुनाव प्रक्रिया पिछले कई महीनों से अटकी हुई थी।
धरना और विरोध प्रदर्शनों ने बढ़ाया दबाव
सीनेट चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी को लेकर पीयू चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा बीते 25 दिनों से कैंपस में धरना दे रहा था। इस दौरान कई छात्र संगठनों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी उनका समर्थन किया। 26 नवंबर को यूनिवर्सिटी बंद रखने की कॉल दी गई थी, जिससे कैंपस में माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।
आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी थी कि यदि जल्द चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई, तो 3 दिसंबर को पंजाब के सभी भाजपा दफ्तरों का घेराव किया जाएगा। विरोध की इस बढ़ती तीव्रता ने प्रशासन और सरकार पर दबाव बढ़ाया। अंततः घेराव से पहले ही उपराष्ट्रपति कार्यालय ने चुनाव शेड्यूल को मंजूरी प्रदान कर दी।
कैंपस में राहत, जल्द जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम
मंजूरी मिलते ही यूनिवर्सिटी समुदाय में राहत की भावना देखी जा रही है। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन जल्द ही विस्तृत कार्यक्रम जारी करेगा और चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। छात्र एवं शिक्षक संगठनों ने उम्मीद जताई है कि नई सीनेट के गठन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासनिक स्थिरता और शैक्षणिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।

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