लोकतांत्रिक संगठनों का समर्थन, पंजाब यूनिवर्सिटी में आंदोलन को मिली नई गति
पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव की तारीखों की घोषणा की मांग को लेकर पीयू बचाओ मोर्चा का प्रदर्शन 15 दिनों से जारी है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट, वर्ग चेतना मंच और सबका सैनिक क्रांतिकारी यूनियन जैसे संगठनों ने भी मोर्चे को समर्थन दिया है। वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए शिक्षा के निजीकरण पर चिंता जताई है।

पीयू में छात्रों के धरने में शामिल हुए संगठनों के सदस्य।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा को लेकर कुलपति कार्यालय के बाहर बीते 15 दिनों से पीयू बचाओ मोर्चा प्रदर्शन कर रहा है। हर दिन विभिन्न राजनीतिक दलों व संगठनों के प्रतिनिधि मोर्चा का समर्थन देने के लिए पहुंचे थे।
इस कड़ी में मोर्चा का साथ देने के लिए रविवार को डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट, वर्ग चेतना मंच और सबका सैनिक क्रांतिकारी यूनियन, पंजाब के प्रतिनिधि धरना स्थल पहुंचे। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के दिग्विजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक संरचना को बचाना जरूरी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षा में निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण को बढ़ावा दे रही है। वर्ग चेतना मंच के प्रतिनिधि ने छात्रों की दृढ़ता की सराहना करते हुए आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की।
वहीं, सबका सैनिक क्रांतिकारी यूनियन, पंजाब के परगट सिंह ढींढसा ने कहा कि सरकार की लंबे समय से चली आ रही लापरवाही ने शिक्षा को निजी हितों की ओर मोड़ दिया है।

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