भगवंत मान सरकार का 'रंगला पंजाब' की ओर एक और कदम, राज्य में पराली जलाने की घटनाएं हुईं कम
पंजाब में पराली जलाने की समस्या को 95 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। राज्य सरकार और किसानों के संयुक्त प्रयासों से यह सफलता मिली है। इस सुधार से 'रंगला पंजाब' की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है, जिससे पर्यावरण में सुधार और वायु प्रदूषण में कमी आएगी। किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सहायता प्रदान की गई है, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिली है।
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पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बड़ी कमी
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने पराली जलाने की दशकों पुरानी समस्या को पूरी तरह से खत्म करने का जो बीड़ा उठाया था, उसका असर अब धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार की मजबूत नीतियों और किसानों के अथक सहयोग से, पराली जलाने की घटनाओं में रिकॉर्ड-तोड़ 95 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो पंजाब के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की राह खोल रही है।
आंकड़ों में बड़ा बदलाव
पराली जलाने की घटनाओं के आंकड़े इस बदलाव की कहानी खुद बयां करते हैं:-
- 2020 में हुईं 83000 से ज्यादा घटनाएं
- 2022 में हुईं 49000 घटनाएं
- 2025 में सिर्फ हुईं 3500 घटनाएं
मान सरकार के कार्यकाल में यह संख्या महज तीन वर्षों में 95 प्रतिशत तक कम हो चुकी है। यह कमी दर्शाती है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की नीतियां कितनी प्रभावी रही हैं।
सफलता के पीछे की मजबूत नीतियां
इस बड़े बदलाव के पीछे केवल किसानों की मेहनत ही नहीं, बल्कि मान सरकार की मजबूत और किसान-केंद्रित नीतियां भी हैं। सरकार ने पराली प्रबंधन (Stubble Management) को लेकर एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है:
सब्सिडी और मशीनें
सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आवश्यक नई मशीनें खरीदने हेतु बड़े पैमाने पर सब्सिडी उपलब्ध कराई है।
ट्रेनिंग और जागरूकता
नई मशीनों के उपयोग के लिए किसानों को विशेष ट्रेनिंग दी गई और व्यापक जागरूकता अभियान चलाए गए ताकि वे पराली जलाने के बजाय उसके बेहतर विकल्पों को अपना सकें।
विकल्पों का सृजन
सरकार ने किसानों को पराली को मिट्टी में मिलाने, खाद बनाने या अन्य औद्योगिक उपयोग में लाने जैसे कई व्यावहारिक विकल्प दिए।
पराली मुक्त 'रंगला पंजाब'
मुख्यमंत्री मान का लक्ष्य साफ है: पराली की समस्या को जड़ से खत्म करके पंजाब को प्रदूषण मुक्त करना और 'रंगला पंजाब' के सपने को साकार करना। यह केवल वायु प्रदूषण कम करने का मामला नहीं है, बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
पंजाब सरकार की नई सोच, जमीनी स्तर पर किए जा रहे नए प्रयासों और राज्य के किसानों के अभूतपूर्व सहयोग से, पंजाब अब एक पराली मुक्त, साफ और स्वस्थ भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह सफलता देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है कि कैसे दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी से सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है।

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