Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने दिए निर्देश, कहीं भी ‘दलित’ शब्द के प्रयोग से करें परहेज

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 21 Sep 2021 07:59 PM (IST)

    पंजाब अनुसूचित जाति आयोग ने दलित शब्द के प्रयोग न करने की हिदायत दी। कहा कि संविधान में भी इस शब्द का प्रयोग नहीं है। केंद्र सरकार भी इस संबंध में प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पहले ही पत्र भेज चुकी है।

    Hero Image
    पंजाब एससी कमीशन की चेयरपर्सन तजिंदर कौर। फोटो इंटरनेट मीडिया

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब राज्य के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिए ‘दलित’ शब्द का प्रयोग किए जाने का नोटिस लेते हुए पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग की चेयरपर्सन तजिंदर कौर ने मंगलवार को हिदायत जारी की है। आयोग ने कहा इंटरनेट मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में अनुसूचित जाति से संबंधित किसी भी व्यक्ति की पहचान को दिखाने के लिए ‘दलित’ शब्द का प्रयोग न किया जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तेजिंदर कौर ने कहा कि संविधान या किसी विधान में ‘दलित’ शब्द का जिक्र नहीं मिलता। इसके अलावा भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा पहले ही राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों को इस संबंधी निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के माननीय हाई कोर्ट के ग्वालियर बैंच की तरफ से 15 जनवरी 2018 को केस नंबर डब्ल्यूपी 20420 आफ 2017 (पीआइएल) डा. मोहन लाल माहौर बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के अंतर्गत नीचे लिखे अनुसार निर्देशित किया गया है। केंद्र सरकार/राज्य सरकार और इसके अधिकारी/कर्मचारी अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के लिए ‘दलित’ शब्द का प्रयोग करने से परहेज करें, क्योंकि यह भारत के संविधान या किसी कानून में मौजूद नहीं है।

    उन्होंने कहा कि माननीय हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि अनुसूचित जातियों से संबंधित व्यक्तियों के लिए 'दलित’ के बजाय “अनुसूचित जाति“ शब्द का प्रयोग किया जाए।

    बता दें, पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग की चेयरपर्सन तेजिंदर कौर ने 13 सितंबर 2021 को मुख्य सचिव विनी महाजन को लिखे एक पत्र में जाति आधारित नामों वाले गांवों, कस्बों और अन्य स्थानों को बदलने और ऐसे शब्दों का प्रयोग करने से परहेज करने के लिए कहा था। इसके अलावा साल 2017 में राज्य सरकार की तरफ से जारी निर्देशों के सख्ती से पालन को यकीनी बनाकर सरकारी कामकाज में हरिजन और गिरिजन शब्द न बरतने का भी निर्देश दिया था।

    हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के अतिरिक्त पंजाब में नहीं जारी होंगे जाति प्रमाण पत्र

    राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़पंजाब में हिंदू, बौद्ध व सिख धर्म के अतिरिक्त अन्य किसी भी धर्म के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। यह जानकारी पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट को दी है। जनहित याचिका दाखिल करते हुए जालंधर निवासी चरणजीत पोवारी ने हाई कोर्ट को बताया कि हिंदू, बौद्ध व सिख धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्म के लोगों को पंजाब में जाति प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। यह सीधे तौर पर संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है और इस पर रोक लगानी चाहिए।

    याची ने बताया कि इस बारे में पंजाब सरकार को रिप्रेजेंटेशन भी सौंपी गई है। इसपर पंजाब सरकार की ओर से बताया गया कि पंजाब सरकार ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि हिंदू, बौद्ध व सिख धर्म के अतिरिक्त किसी अन्य धर्म के लोगों को अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र जारी न किया जाए। साथ ही यह भी बताया कि यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पंजाब सरकार ने कोर्ट को विश्वास दिलाया कि याचिकाकर्ता के मांगपत्र पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इस जानकारी पर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।