पंजाब में प्रोफेशनल टैक्स में छूट... सरकार ने पास किया स्टेट डेवलपमेंट TAX बिल; पढ़ें क्या होगा इसका फायदा?
पंजाब विधानसभा में वित्तमंत्री हरपाल चीमा द्वारा पंजाब स्टेट डेवलपमेंट टैक्स (संशोधन) बिल 2025 सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस संशोधन के अंतर्गत इनकम टैक्स भरने वाले पंजाब के नागरिकों को प्रोफेशनल टैक्स में छूट मिलेगी वार्षिक एकमुश्त भुगतान पर 200 रुपये की छूट दी जाएगी। इस टैक्स से सरकार को लगभग 190.36 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने सोमवार को पंजाब स्टेट डेवलपमेंट टैक्स (संशोधन) बिल 2025 विधानसभा में पेश किया जो सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इस बिल में सरकार ने संशोधन किया है कि इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले पंजाब के लोगों पर जो 200 रुपये प्रतिमाह प्रोफेशनल टैक्स लगाया जा रहा है, वो यदि वर्षभर का टैक्स एक साथ देते हैं तो उन्हें 200 रुपये की छूट दी जाएगी। इस टैक्स से पंजाब सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 190.36 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त हुआ।
वित्तमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के प्रतिनिधियों ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा पारित मौजूदा एक्ट में कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों के बारे में उनसे संपर्क किया था। संशोधित बिल में टैक्स ढांचे के विभिन्न पहलुओं को सरल बनाने व स्पष्ट करने के लिए कई मुख्य प्रविधान तैयार किए गए हैं।
2400 के बजाय 2200 रुपये करें जमा
उन्होंने कहा कि करदाताओं के लिए एक एकमुश्त टैक्स भुगतान विकल्प जैसी महत्वपूर्ण सुविधा दी गई है, जिससे किसी भी व्यक्ति को मासिक 200 रुपये (वार्षिक 2400 रुपये) के बजाय एक बार में 2200 रुपये जमा करने की सुविधा होगी, जिससे इस कर के भुगतान की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त, एक बार के निपटारे की विधि को सुविधाजनक बनाने के लिए पीएसडीटी एक्ट में एक नई धारा 11ए जोड़ी गई है। विशेष परिस्थितियों से उत्पन्न जटिलताओं को हल करने के लिए, बिल में पीएसडीटी एक्ट के अंतर्गत नई धाराओं 11बी, 11सी और 11डी को शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
टैक्स भुगतान देनदारियों को दर्शाएंगी
ये धाराएं किसी पंजीकृत व्यक्ति की मृत्यु, कंपनियों के परिसमापन या कॉर्पोरेट दिवालियापन के मामलों से जुड़े मामलों में टैक्स भुगतान देनदारियों को दर्शाएंगी। पंजाब विनियोग अधिनियम 2025 पिछले कई वर्षों के दौरान राज्य की विधायी संरचना के तहत कई पुराने और समाप्ति अवधि पूरी कर चुके एप्रोप्रिएशन एक्ट्स (मनी बिल्स) को रद करने के लिए लाया गया है।
यह देखा गया है कि पिछले कई वर्षों के दौरान लागू किए गए बहुत सारे विनियोग अधिनियम अपना वास्तविक महत्व खो चुके हैं, किंतु अभी भी विधायी पुस्तकों में दर्ज हैं। विनियोग अधिनियम, जिनकी शर्तें समाप्त हो चुकी हैं, को रद करने से किसी भी प्रकार से उन कार्यवाहियों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा जो इन अधिनियमों के अनुसार वैध रूप से की गई हैं।
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