पंजाब स्टार्टअप ऐप और एंटरप्रेन्योरशिप कोर्स से बनेगा युवाओं का भविष्य, छात्रों के लिए शिक्षा से कमाई तक का नया मॉडल
पंजाब सरकार ने 'पंजाब स्टार्टअप ऐप' और 'एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स' लॉन्च किया है, जिससे पंजाब उच्च शिक्षा में उद्यमिता को अनिवार्य बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल से 8 लाख से अधिक छात्र जुड़ेंगे और अपने स्टार्टअप आइडिया पर काम करते हुए कमाई के आधार पर क्रेडिट अर्जित करेंगे। ऐप 24x7 AI सपोर्ट और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना है। लॉन्च के 15 दिनों में ही 75,000 छात्रों ने पंजीकरण किया और 25 लाख रुपये का कारोबार किया, जो इसकी प्रारंभिक सफलता को दर्शाता है। यह मॉडल भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में सहायक हो सकता है।
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पंजाब स्टार्टअप ऐप और एंटरप्रेन्योरशिप कोर्स से बनेगा युवाओं का भविष्य
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के युवाओं के लिए रोज़गार की नई सुबह लेकर आई है आम आदमी पार्टी सरकार। मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में एक भव्य समारोह में ‘पंजाब स्टार्टअप ऐप’ और ‘एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स’ का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक पहल के साथ पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है जहां उच्च शिक्षा में उद्यमिता को अनिवार्य विषय बनाया गया है। इस मौके पर शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे और सभी ने इसे युवाओं के भविष्य को बदलने वाला कदम बताया।
पंजाब स्टार्टअप ऐप की खासियत यह है कि इससे प्रदेश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, पॉलिटेक्निक और आईटीआई में पढ़ने वाले आठ लाख से अधिक विद्यार्थी सीधे जुड़ सकेंगे। इस ऐप के माध्यम से छात्र अपने खुद के स्टार्टअप आइडिया पर काम करेंगे और हर सेमेस्टर में दो क्रेडिट अर्जित करने होंगे, जो उनके स्टार्टअप की कमाई पर निर्भर करेंगे। 2025-26 शैक्षणिक वर्ष में यह कोर्स 20 सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों, 320 आईटीआई और 91 पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शुरू होगा, जिससे डेढ़ लाख छात्र लाभान्वित होंगे । 2028-29 तक यह कार्यक्रम पांच लाख छात्रों तक पहुंचेगा। यह वह पहल है जो सिर्फ सर्टिफिकेट नहीं, बल्कि हर छात्र को असली कमाई और व्यावहारिक अनुभव देगी।
पंजाब स्टार्टअप ऐप को युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें 24x7 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सपोर्ट की सुविधा है, जो हर स्टार्टअप से जुड़े सवालों का तुरंत जवाब देगी। साथ ही विशेषज्ञों की टीम भी छात्रों के बिजनेस आइडिया को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। ऐप पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में उपलब्ध है, ताकि हर पृष्ठभूमि का विद्यार्थी इसका आसानी से इस्तेमाल कर सके। छात्रों को हर सेमेस्टर में एक नया व्यावसायिक आइडिया प्रस्तुत करना होगा, और उनकी कमाई के अनुसार उन्हें क्रेडिट पॉइंट मिलेंगे। यह क्रेडिट उनकी डिग्री का हिस्सा बनेंगे, जिससे शिक्षा और उद्यमिता का अनूठा संगम बनेगा।
समारोह को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने उच्च शिक्षा के स्तर पर एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स को अनिवार्य बनाया है। उन्होंने कहा, “यह ऐप युवाओं को एक सपना देगा, एक विचार देगा और उसे विकसित करने की क्षमता देगा। अगर देश भर में यह मॉडल अपनाया जाए, तो भारत वैश्विक सुपरपावर बन सकता है।” केजरीवाल ने आगे कहा कि पंजाब के युवाओं में उद्यमिता जन्मजात है और अब इस ऐप की सफलता भारत को चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं को टक्कर देने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 2025-26 में यह कोर्स बीबीए, बीकॉम, बीटेक और बीवोक जैसे कोर्सेस में अनिवार्य रहेगा, और अगले साल से सभी डिग्री कोर्सेस में लागू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब हमेशा अवसरों की भूमि रहा है और यहां मेहनत का फल जरूर मिलता है। उन्होंने कहा, “आज का विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरी कर के भी रोजगार नहीं पा पाता, लेकिन अब यह ऐप युवाओं को रोजगार देने वाला बनाएगा। स्टूडेंट्स के स्टार्टअप्स से अब पढ़ाई और कमाई एक साथ होगी।” मान ने YouTube का उदाहरण देते हुए बताया कि यह कंपनी भी एक कॉलेज प्रोजेक्ट से ही शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि पंजाब के युवा भी अब ऐसे ही विचारों को सामने लाकर बड़ा बदलाव ला सकते हैं। सीएम ने गर्व से बताया कि ऐप के लॉन्च के महज 15 दिनों में 25 लाख रुपए का कारोबार हो चुका है और 75,000 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है।
पंजाब स्टार्टअप ऐप की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह छात्रों के हर छोटे-बड़े आइडिया को व्यावहारिक रूप देने का मौका देता है। चाहे वह अपने इलाके में छोटी दुकान खोलना हो, ऑनलाइन बिजनेस शुरू करना हो या कोई नया उत्पाद बाजार में लाना हो, ऐप हर तरह के स्टार्टअप को सपोर्ट करता है। छात्रों को न सिर्फ बिजनेस प्लान बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि मार्केटिंग, बिक्री, वित्त प्रबंधन और ग्राहक सेवा जैसे सभी पहलुओं की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यह ऐप छात्रों को उनके सपनों को साकार करने के लिए एक पूरा इकोसिस्टम मुहैया कराता है, जहां वे अपनी गलतियों से सीख सकते हैं और सफलता की ओर बढ़ सकते है।
पंजाब पहला राज्य बन गया है जिसने कक्षा 11 के छात्रों के लिए भी ‘एंटरप्रेन्योरशिप’ को मुख्य विषय के रूप में शामिल किया है । यह कदम दिखाता है कि सरकार युवाओं को स्कूल के स्तर से ही उद्यमिता की सोच विकसित करना चाहती है। अब छात्र सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं, बल्कि नौकरी देने के लिए तैयार होंगे। यह शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है जो पारंपरिक पढ़ाई-लिखाई के तरीकों से हटकर युवाओं को व्यावहारिक कौशल और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है। एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स के जरिए छात्र बाजार की समझ, जोखिम लेने की क्षमता, नेतृत्व कौशल और समस्या समाधान की कला सीखेंगे। यह सिर्फ एक कोर्स नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक नया तरीका है।
पंजाब स्टार्टअप ऐप की शुरुआती सफलता ने सबको हैरान कर दिया है। सीएम भगवंत मान ने बताया कि ऐप लॉन्च होने के महज 15 दिनों में 75,000 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है और उनके स्टार्टअप्स ने 25 लाख रुपए का कारोबार कर लिया है। यह आंकड़े साबित करते हैं कि पंजाब के युवाओं में उद्यमिता की भूख है और उन्हें बस सही मंच की जरूरत थी। अब तक के रजिस्ट्रेशन में विविध बिजनेस आइडिया सामने आए हैं - किसी ने छोटे स्तर पर खाद्य उत्पाद बेचना शुरू किया तो किसी ने ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर काम शुरू किया। यह शुरुआती सफलता दिखाती है कि यह ऐप सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि युवाओं की जरूरत और उनके सपनों को पूरा करने का जरिया है।
अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान दोनों का मानना है कि पंजाब स्टार्टअप ऐप और एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स का यह मॉडल पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है। अगर भारत के सभी राज्य इस तरह की पहल करें, तो देश में बेरोजगारी की समस्या खत्म हो सकती है और भारत वैश्विक स्तर पर एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है। यह पहल न केवल शिक्षा प्रणाली का कायापलट करेगी, बल्कि राज्य के युवाओं को नवाचार, आर्थिक स्वतंत्रता और रोजगार सृजन की राह पर अग्रसर करेगी। पंजाब सरकार का यह ऐतिहासिक कदम युवाओं को देश-विदेश की अर्थव्यवस्थाओं से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार करेगा और पंजाब को देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बनाने का सपना साकार करेगा।
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