पंजाब सरकार में SDRF फंड पर घमासान, वित्तमंत्री चीमा के इनकार के बाद कांग्रेस ने की जांच की मांग
प्रधानमंत्री मोदी के एसडीआरएफ फंड के दावे पर पंजाब सरकार में मतभेद है। वित्त मंत्री चीमा ने फंड से इनकार किया जबकि मंत्री अरोड़ा ने स्वीकार किया पर नियमों को बाधक बताया। कांग्रेस ने जांच की मांग की। चीमा ने कहा कि यह पैसा कर्ज सीमा में समायोजित होता है वास्तव में उपलब्ध नहीं है।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य सरकार के पास स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड का 12 हजार करोड़ रुपया पड़ा हुआ है, उसकी 400 करोड़ रुपए की एक और किश्त जो अक्टूबर में दी जानी थी को सितंबर में ही भिजवाया जा रहा है।
इस पर पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह कहकर सभी को हैरत में डाल दिया कि राज्य के पास ऐसा कोई 12 हजार करोड़ रुपए का फंड नहीं है। हालांकि उनके बाद प्रेस कान्फ्रेंस करने वाले कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने माना कि एसडीआरएफ का 12 हजार करोड़ रुपया पड़ा है लेकिन इसके नियम इतने सख्त हैं कि इसे खर्च ही नहीं किया जा सकता।
अब दोनों मंत्रियों में कौन सही है, कौन नहीं इस पर तस्वीर साफ नहीं है। दूसरी ओर कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने एसडीआरएफ के मुद्दे पर कहा कि राज्य सरकार ने यह पैसा इधर उधर खर्च कर दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इसकी जांच करवाने की मांग भी की।
हरपाल चीमा ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि भाजपा आंकड़ों के खेल की माहिर है। 12 हजार करोड़ सिर्फ एक कोंट्राडिक्टरी एंट्री है। असल में यह पैसा हमारी कर्ज सीमा में एडजस्ट होता है । यानी जितना पैसा केंद्र सरकार हमें एसडीआरएफ में देती है उतना पैसा हमारे रिजर्व फंड में जमा हो जाता है और केंद्र सरकार वह हमारी कर्ज सीमा में काट लेती है।
उन्होंने बताया कि अगर हम एसडीआरएफ के अतिरिक्त पैसा कर्ज के रूप में लेते हैं तो यह हमारी फिस्कल रिस्पांसटीबिलिटी बजट मैनेजमेंट की सीमा से बाहर हो जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी राज्य को कर्ज उसकी जीएसडीपी का साढ़े तीन प्रतिशत प्लस पिछले मूल का बकाया और रिजर्व फंड को माइनस करके दिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर यदि हमें एक हजार करोड़ के कर्ज चाहिए तो जितना एसडीआरएफ का रिजर्व फंड पड़ा है उसे काटकर हमें पैसा दे दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि एसडीआरएफ का पैसा पहले से ही आपके पास है।
यानी हमारे किताबी खाते में यह पैसा होता है लेकिन वास्तव में यह नहीं होता। जैसे ही हमें इस खाते से कुछ खर्च करना पड़ता है हम रिजर्व फंड में उतनी अमाउंट माइनस कर देते हैं जिससे हमारी कर्ज सीमा बढ़ जाती है।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा है कि पंजाब में बाढ़ के लिए जिस स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के 12 हजार करोड़ रुपए के पड़े होने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करके गए हैं, अगर वह केंद्र सरकार के कड़े नियमों के कारण खर्च ही नहीं हो सकता है तो उसके पडे़ रहने का क्या फायदा है?
उन्होंने बताया कि हमने केंद्र सरकार से कहा था कि एसडीआरएफ के नियमों के छूट दी जाए ताकि यह पैसा खर्च किया जा सके लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अब प्रधानमंत्री का यह कहना कहां तक सही है कि हमारे पास 12 हजार करोड़ रुपए का फंड पड़ा है।
उन्होंने बताया कि इस फंड के नियमों के अनुसार किसी का मकान टूटने पर उसे मात्र 1.20 लाख रुपए ही दिए जा सकते हैं। किसी की लात टूटने पर मात्र 75 हजार और अगर किसी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है तो मात्र 6800 रुपए प्रति एकड़ .. क्या ये नियम उन लोगों के जख्मों पर और नमक छिड़कने जैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपेक्षा थी कि केंद्र सरकार पंजाब के प्रति जो सौतेली मां वाला व्यवहार रखती है वह बाढ़ में हुए नुकसान को देखते हुए अपनी छवि को बदलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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