पंजाब की 'सड़क सुरक्षा फोर्स' बनी 'जिंदगी की ढाल', केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी की सराहना
पंजाब सरकार की सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) ने जनवरी 2024 में स्थापित होने के बाद से 50,000 से अधिक लोगों की जान बचाई है और सड़क हादसों में मृत्यु दर को 48-49% तक कम किया है। यह बल 4,100 किलोमीटर सड़कों पर तैनात है, जो 5-7 मिनट में दुर्घटनास्थल पर पहुँचकर घायलों को सहायता प्रदान करता है। एसएसएफ मादक पदार्थों की तस्करी और वाहन चोरी रोकने में भी सहायक है, और बाढ़ राहत कार्यों में भी योगदान दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस पंजाब मॉडल की सराहना की है।

पंजाब की सड़क सुरक्षा फोर्स बनी ‘जिंदगी की ढाल’
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब सरकार की अभिनव पहल सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) आज राज्य में ‘जिंदगी की ढाल’ बन चुकी है। जनवरी 2024 में स्थापित इस विशेष बल ने एक वर्ष से भी कम समय में 50,000 से अधिक लोगों की जान बचाई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की पहल पर गठित इस फोर्स ने सड़क हादसों में मौत की दर को 48 से 49 प्रतिशत तक घटाने में सफलता पाई है।

राज्य भर में 4,100 किलोमीटर लंबी सड़कों पर हर 30 किलोमीटर पर एसएसएफ की टीमें तैनात हैं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही ये दल सिर्फ 5 से 7 मिनट में मौके पर पहुँचकर घायलों को तत्काल सहायता प्रदान करते हैं। फोर्स को टोयोटा हिलक्स और महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसे हाईटेक वाहनों से लैस किया गया है, ताकि किसी भी परिस्थिति में तुरंत पहुंचा जा सके।
केवल सड़क हादसों तक सीमित न रहते हुए, एसएसएफ ने मादक पदार्थों की तस्करी और वाहन चोरी रोकथाम में भी पुलिस की बड़ी मदद की है। इसके अलावा, फोर्स ने ‘फरिश्ते योजना’ के तहत मैप माय इंडिया के सहयोग से घायलों को सूचीबद्ध अस्पतालों तक पहुँचाने में नई मिसाल कायम की है।

तकनीक के मोर्चे पर भी यह फोर्स अत्याधुनिक है। इसमें स्पीड गन, बॉडी कैमरा, ई-चालान प्रणाली और एआई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे पुलिसिंग तेज, स्मार्ट और पारदर्शी बनी है। हाल की बाढ़ राहत कार्यों में भी एसएसएफ ने उल्लेखनीय योगदान दिया, जिससे इसकी संवेदनशील और मानवीय छवि और मजबूत हुई।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी पंजाब मॉडल की सराहना की है और अन्य राज्यों से इसे अपनाने की अपील की है। सड़क सुरक्षा फोर्स की यह पहल न केवल तकनीक और संवेदना का बेहतरीन संगम है, बल्कि पंजाब के इतिहास में एक नई उम्मीद और भरोसे का अध्याय भी है।

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