पंजाब में तापमान के ताप से खेतों में खौल रहा पानी, किसानों ने रोकी धान की रोपाई; अब देख रहे बारिश का राह
पंजाब में भीषण गर्मी के कारण धान की रोपाई धीमी हो गई है क्योंकि खेत में पानी उबलने से पनीरी के सड़ने का खतरा है। मौसम विभाग ने 15 जून के बाद बारिश की संभावना जताई है जिसके चलते किसान भी उसी के बाद रोपाई शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ। पंजाब में इन दिनों अधिकतम तापमान 45 से 46 डिग्री होने के चलते धान की रोपाई रफ्तार नहीं पकड़ रही है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि अगर किसान रोपाई के लिए खेत में पानी भी लगा रहे हैं तो वह भी उबलने की अवस्था तक पहुंच रहा है जिससे धान की पनीरी के सड़ने का डर है।
मौसम विभाग ने 15 जून के बाद वर्षा का अनुमान जताया है, ऐसे में किसानों ने भी 15 के बाद ही रोपाई करने का फैसला किया है। काबिले गौर है कि पंजाब सरकार ने इस बार धान की रोपाई की तारीख दस दिन पहले कर दी थी। मुक्तसर, फरीदकोट जैसे जिलों जहां पर पानी का स्तर ऊपर है, में एक जून से धान की रोपाई शुरू हो गई थी।
इसी तरह कुछ जिलों में पांच जून से और कुछ में नौ जून से रोपाई शुरू हुई लेकिन जीरकपुर से लेकर संगरूर और मालेरकोटला, सरहिंद का दौरा करने पर बहुत ही कम जगहों पर धान की रोपाई का काम चल रहा है। फतेहगढ़ साहिब के गांव डडियाणा के अवतार सिंह संधू जो दस एकड़ से ज्यादा जमीन पर धान की रोपाई करवाते हैं ने अभी तक एक एकड़ भी धान नहीं लगाई है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी मौसम में तपिश बहुत ज्यादा है। जमीन से पानी निकालकर खेत में लगाने पर यह कुछ ही घंटों में पानी इतना गर्म हो जाता है कि लेबर भी पानी में जाने में आना कानी करती है, साथ ही अगर इन दिनों में हम पनीरी लगा भी देते हैं तो पौधों के मरने का खतरा ज्यादा रहता है।
उन्होंने बताया कि वह अपनी जरूरत के अनुसार ही पनीरी तैयार करते हैं। ऐसे में अगर पौधे तेज गर्मी के कारण मर जाते हैं तो पनीरी मिलनी मुश्किल हो जाती है। इसलिए वह तीन दिन का और इंतजार करेंगे और जब तक एक दो बारिशें नहीं होती हैं तब तक वह पनीरी नहीं लगाएंगे।
पटियाला के घनौर ब्लाक के कृषि अधिकारी डॉ. रणजोध सिंह बैंस ने कहा कि इस बार मौसम में गर्मी ज्यादा होने के कारण धान की रोपाई रफ्तार नहीं पकड़ रही है। हमारे हलके में पांच जून से ही धान की रोपाई शुरू करने की अधिसूचना जारी हुई थी लेकिन अभी तक किसान इसमें ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं। किसान एक-दो दिन वर्षा का इंतजार करने के बाद ही धान की रोपाई शुरू करेंगे।
धान के बजाय मक्की लगाने पर किसान कर रहे विचार अवतार सिंह का यह भी कहना है कि इस बार कांग्रेस नेता राणा गुरजीत की ओर से मक्की को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा के कारण भी किसान दुविधा में हैं कि वह इस बार मक्की लगाएं या फिर धान।
उन्होंने बताया कि पिछले साल धान को बेचने में बहुत मुश्किल आई। आढ़तियों ने दो सौ से चार सौ रुपये तक का कट लगाया। ऐसे में अगर धान पर एमएसपी मिल जाता है तो हम धान की बजाए मक्की क्यों न लगाएं? उन्होंने बताया कि वह इस बार धान पिछले साल की अपेक्षा तीसरे हिस्से में ही करेंगे। इस बार मक्की पर उपयोग करके देखेंगे। उन्होंने बताया कि उनके गांव में ज्यादातर किसान यही सोच रहे हैं।
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