पंजाब की जनता को गेहूं के साथ मिलेगा सरसों का तेल, चायपत्ती-दाल और हल्दी, कब से शुरू होगी योजना?
पंजाब सरकार महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने की गारंटी पूरी न कर पाने पर अब नई योजना बना रही है। इसके तहत 40 लाख परिवारों को गेहूं के साथ तेल, चीनी, चायपत्ती, दाल और हल्दी भी दी जाएगी। यह योजना अप्रैल 2026 से शुरू हो सकती है, जिस पर लगभग 1000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अरविंद केजरीवाल इस बारे में मुख्य सचिव से बात करेंगे।

भगवंत मान फाइल फोटो (जागरण)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब में महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने की चुनावी गारंटी पूरी न कर पाने पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अब प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है।
इसके तहत प्रदेश के 40 लाख उन परिवारों जिन्हें प्रति व्यक्ति हर महीने पांच किलो गेहूं दिया जाता है, उन्हें अब साथ में एक लीटर सरसों का तेल, दो किलो चीनी, एक किलो चायपत्ती, दो किलो दाल और दो सौ ग्राम हल्दी दिए जाने का विचार है।
सरकार इस योजना को अगले वर्ष लागू करने पर विचार कर रही है। योजना हर तिमाही यानी अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और दिसंबर में राशन देने की है। इसे अप्रैल, 2026 से लागू करने का विचार है। इस पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसका प्रविधान मार्च में पेश होने वाले बजट में किया जाएगा।
आज पंजाब आएंगे केजरीवाल
सूत्रों के अनुसार आप संयोजक अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को पंजाब आएंगे और मुख्य सचिव केएपी सिन्हा योजना के संबंध में उनसे बात करेंगे। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि केजरीवाल पंजाब क्यों आ रहे हैं? आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को तीन सौ यूनिट निश्शुल्क बिजली सहित कई गारंटियां दी थीं।
एक गारंटी महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने की भी थी। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि चूंकि यह गारंटी पूरी होने में देरी हो गई है, इसलिए अब महिलाओं को 1,100 रुपये दिए जाएंगे। अब इस गारंटी को पूरा करने में वित्तीय संकट बाधा बन रहा है।
वित्त विभाग का अनुमान है कि अगर प्रदेश की सभी महिलाओं को 1,100-1,100 रुपये दिए जाते हैं तो खजाने पर 17 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इतनी राशि जुटाना प्रदेश सरकार के लिए आसान नहीं है, जबकि उसे कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी जुगाड़ करना पड़ रहा है।
सफल राशन देने की योजना 2007 में हुई थी शुरू
अकाली-भाजपा सरकार की राशन योजना नहीं रही सफल राशन देने की योजना वर्ष 2007 में अकाली-भाजपा सरकार ने शुरू की थी। इसमें चार रुपये किलो आटा व 20 रुपये किलो दाल देनी थी।
वह 10 वर्ष के कार्यकाल में अधिकतर योजना सही ढंग से लागू नहीं कर सकी। इस योजना से मार्कफैड, पनसप जैसी एजेंसियों पर करोड़ों का बोझ पड़ा जिससे ये आज भी उबर नहीं पाई हैं। पनसप पर 900 करोड़ रुपये कर्ज है। उसे इस कर्ज पर हर माह 5.25 करोड़ ब्याज देना पड़ रहा है। अब एक हजार करोड़ का बोझ कौन उठाएगा, इस पर अभी कुछ भी तय नहीं है।
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